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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में थर्मल और हाइड्रो पावर पर निर्भरता कम करने के दिए निर्देश

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लखनऊ: प्रदेश में अगले पांच वर्षों में बिजली की खपत 53 हजार मेगावाट हो जाएगी, जो हर साल 16 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। ऐसे में योगी सरकार पारंपरिक ऊर्जा प्रणाली, थर्मल और हाइड्रो पावर पर निर्भरता कम करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसकी मुख्य वजह थर्मल और हाइड्रो पावर के जरिए बिजली उत्पादन में आने वाले भारी भरकम खर्च से बचने और पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर को कम करना है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक में अधिकारियों को बिजली उत्पादन के लिए सोलर एनर्जी पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं।

…तो उद्योग जगत के साथ प्रदेशवासियों को मिलेगी सस्ती बिजली

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में सबसे अहम भूमिका बिजली की होगी। दरअसल, योगी सरकार की नीतियों को देखते हुए विदेश के साथ देश के विभिन्न राज्यों के निवेशक यहां पर बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में औद्योगिक गतिविधियों को चलाने के लिए बिजली की डिमांड काफी बढ़ जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इस खपत को पूरा करने के लिए सोलर एनर्जी पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए योगी सरकार नई उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 भी लेकर आई है, जिसके तहत सौर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए कई तरह की रियाततें दी गईं हैं।

योगी सरकार सोलर एनर्जी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में 18 सोलर सिटी का निर्माण करेगी, जिसमें पहले चरण में नाेएडा और अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश के 16 नगर निगम को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि इन सोलर सिटी से प्रदेश में कुल बिजली उत्पादन का 10 प्रतिशत बिजली उत्पादन सोलर से किया जाएगा। साथ ही इसे साल दर साल बढ़ाया जाए ताकि निवेशकों के साथ प्रदेशवासियों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सके।

गांव होंगे सबसे पहले सोलर एनर्जी से रौशन

सोलर एनर्जी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड रीजन में सोलर पार्क का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। यहां पर रोजाना 4 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन का सोलर पार्क बनाया जा रहा है। वहीं प्रदेश के विभिन्न जिलों में सोलर एनर्जी की सप्लाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। सोलर पार्क से पहले चरण में खेती और गांव में बिजली सप्लाई के लिए बनाए गए बिजली फीडर से सोलर एनर्जी को सप्लाई किया जाएगा। यानी प्रदेश में सबसे पहले गांव सोलर एनर्जी से रौशन होंगे। इसके साथ ही खेतों की सिंचाई के लिए लगने वाले पंपों को पूरी तरह से सोलर एनर्जी से संचालित किया जाएगा।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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