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उत्तर प्रदेश

24 घंटे में 40 से अधिक सवाल, माथा पकड़कर बैठ गया माफिया मुख्तार

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Mukhtar Ansari found guilty

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प्रयागराज। मनी लांड्रिंग के केस में माफिया मुख्तार अंसारी से गुरुवार को भी पूछताछ हुई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने जब उससे पूछा कि दुबई किससे मिलने के लिए गया था तो वह अचरज में पड़ गया। माथे पर हाथ रखकर कुछ देर तक खामोश रहा और बाद में कहा हज करने गया था।

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हज के बाद दुबई में किन-किन लोगों से मिला और वजह क्या थी, इस सवाल का जवाब नहीं दिया। ऐसे में माना गया कि माफिया पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है। प्रापर्टी सहित अन्य साक्ष्यों के आधार पर मुख्तार के कई करीबियों पर भी कार्रवाई की तैयारी है।

24 घंटे में 40 से अधिक सवाल

सूत्रों का कहना है कि माफिया से 24 घंटे में 40 से अधिक सवाल किए गए। बैंक खाते में आए करोड़ों रुपये का हिसाब पूछा गया और विकास कंस्ट्रक्शन से जुड़ी प्रापर्टी के बारे में जानकारी ली गई।

गाजीपुर में सरकारी जमीन पर गोदाम बनाने के लिए पैसा कहां से आया और फिर उसे भारतीय खाद्य निगम (FCI) को किराए पर कैसे दिया गया?

एकल निविदा पर FCI का ठेका लेने के दौरान कौन-कौन अधिकारी थे और उनसे किस आधार पर टेंडर हासिल गया था?

विकास कंस्ट्रक्शन में किस-किस ने पैसा लगाया था? ऐसे और भी तमाम सवाल थे, जिसका प्रमाणिक जवाब मुख्तार नहीं दे पाया।

माफिया ने बताए रियल एस्टेट से जुड़े लोगों के नाम

सूत्रों का यह भी कहना है कि मुख्तार, उसके परिवार, रिश्तेदार, सहयोगी और करीबियों के बारे में भी पूछताछ की गई है। माफिया ने रियल एस्टेट से जुड़े कुछ लोगों के नाम बताए हैं, जिनकी प्रापर्टी के बारे में पता लगाया जाएगा।

बुधवार सुबह मुख्तार को बांदा जेल से लाकर जिला जज की कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद उसे नौ दिन के लिए कस्टडी रिमांड में ईडी के सुपुर्द कर दिया गया था।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से कराई गई पेशी

गाजीपुर जिले के मुकदमे में गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ईडी कार्यालय से ही मुख्तार की पेशी करवाई गई। अधिकारियों ने इसके लिए जरूरी इंतजाम भी किया था।

वीडियो कांफ्रेंसिंग होने के कारण कुछ घ्ंटों के लिए मनी लाड्रिंग केस में पूछताछ रोक दी गई थी। उधर, ईडी दफ्तर पर पुलिस और पीएसी की ड्यूटी लगाई गई है। संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के लिए भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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