उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री ने की प्रयागराज, वाराणसी और मेरठ मंडल में जारी विकास परियोजनाओं की समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज, वाराणसी और मेरठ मंडल में जारी विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सांसद/विधायक गणों से योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लिया व विकास के नए प्रस्ताव भी मांगे।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री जी ने नेतृत्व में वाराणसी नेचर, कल्चर और एडवेंचर का संगम बन रहा है प्रदेश के औद्योगिक विकास में मेरठ मंडल की प्रभावी भूमिका है। हर जिले में औद्योगिक निवेश आ रहा है जिसका लाभ युवाओं को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि प्रयागराज, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़ में औद्योगिक विकास की संभावनाओं को आकार देने की पहल करें व उद्यमियों से संवाद-संपर्क बनाएं जनप्रतिनिधि, साथ ही जिले के औद्योगिक विकास की कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने कहा जेवर एयरपोर्ट, रैपिड रेल, खेल विश्वविद्यालय, एमएमएलएच, एमएमटीएच जैसी परियोजनाओं से मेरठ मंडल तरक्की की नई ऊंचाई तक पहुंचेगा। प्रयागराज कुंभ 2025 के लिए मुख्यमंत्री ने कहा टीम के रूप में करना होगा काम।
साढ़े पांच वर्ष में हुआ गन्ना किसानों का रिकॉर्ड बकाया भुगतान
● सांसद और विधायक गणों के साथ विकास परियोजनाओं की पड़ताल की जारी शृंखला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मेरठ मंडल की समीक्षा की। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक कर जनपद मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, वाराणसी, जौनपुर , गाजीपुर, चंदौली, प्रयागराज, कौशाम्बी, फतेहपुर एवं प्रतापगढ़ जिलों से आए सांसद व विधायक गण से उनके क्षेत्र की विकास योजनाओं की जानकारी ली।
● बैठक में जनप्रतिनिधियों ने नवीन विकास कार्यों के बारे क्षेत्रीय जनाकांक्षाओं से भी अवगत कराया और इस संबंध में अपने प्रस्ताव भी दिए। मुख्यमंत्री जी सांसद और विधायक गणों के इन प्रस्तावों पर तत्काल कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को निर्देशित भी किया।
मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश
● प्रधानमंत्री जी के ‘ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म’ मंत्र को आत्मसात कर उत्तर प्रदेश समृद्धि के नए सोपान चढ़ रहा है। बेहतर कानून-व्यवस्था तथा नीतिगत सुधारों के माध्यम से आज देश-दुनिया में निवेश का श्रेष्ठतम गंतव्य बनकर उभरा है। इस माहौल को और बेहतर बनाने में जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है।
■ प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से वाराणसी नेचर, कल्चर और एडवेंचर का संगम बन रहा है। रोड से लेकर ट्रीटमेंट प्लांट, नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर ट्रांसपोर्ट फैसिलीटीज तक, रुद्राक्ष कनवेंशन सेंटर से लेकर सिटी कमांड के जरिए ट्रैफिक मैनेजमेंट तक, अंडरग्राउंड केबलिंग से लेकर कार्गो सेंटर तक, वाराणसी अधुनातन विकास के नए मानक गढ़ रही है।
■ जौनपुर , गाजीपुर एवं चंदौली जिलों में भूमि की पर्याप्त उपलब्धता है। यहां पूरा क्षेत्र उर्वर है और कुशल मानव पूंजी से समृद्ध है। यहां औद्योगिक विकास की बड़ी संभावनाएं हैं।
■ मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर आज प्रयागराज में माघ मेला में आज डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों ने संगम स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त किया। श्रद्धालुओं, संतजनों पर पुष्पवर्षा भी की गई। अब हम सभी को कुंभ 2025 के लिए कार्य करना है। जनप्रतिनिधियों को इसमें बड़ी भूमिका निभानी होगी।
■ संगमनगरी प्रयागराज में ईज ऑफ लिविंग के मानकों के साथ आधुनिक नगरीय विकास के सभी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रयागराज में मेट्रो के लिए सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए यहां पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की गई है। आस्था का सम्मान करते हुए श्रृंगवेरपुर में पर्यटन विकास की संभावनाओं को भी आकार दिया जा रहा है। फतेहपुर में मेडिकल कॉलेज खुला है। इन सबका लाभ आम आदमी को मिल रहा है।
■ प्रदेश के औद्योगिक विकास में मेरठ मंडल की प्रभावी भूमिका है। यहां राष्ट्रीय राजधानी से भौगोलिक निकटता का लाभ तो है ही, बेहतर कनेक्टिविटी, विश्वस्तरीय इंफ्रस्ट्रक्चर, सुदृढ़ कानून-व्यवस्था मेरठ मंडल को हर उद्यमी की पहली पसंद बनाती है। यहां हर जनपद में कुछ न कुछ खास है। हर सेक्टर के लिए संभावनाएं हैं। इसकी पहचान और प्रोत्साहन आवश्यक है।
■ जनप्रतिनिधि के रूप में आप सभी अपने-अपने क्षेत्रों के ब्रांड एंबेसेडर हैं। क्षेत्रीय विशिष्टताओं से देश-दुनिया को परिचय कराने के लिए आपको सतत प्रयास करना होगा। हमारे गांवों में मानव संसाधन की पर्याप्त उपलब्धता है। यहां प्रचुर मात्रा में उर्वर भूमि भी उपलब्ध है। हमें इसका लाभ उठाना चाहिए।
■ मेरठ में प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय निर्माणाधीन है। जेवर में एशिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहा है। रैपिड रेल का ट्रायल हो चुका है। दादरी में मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स हब (एमएमएलएच) एवं बोराकी में मल्टी- मोडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) भी विकसित किया जा रहा है। जिससे औद्योगिक विकास के लिए इंफ्रस्ट्रक्चर और बेहतर होगा तथा रोजगार के अनेक नए अवसर सृजित होंगे, जिसका लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा।
■ इंडस्ट्री के लिए बिजली प्राथमिक जरूरत है। हमने उद्योगों की जरूरत को देखते हुए ओपन एक्सेस की व्यवस्था दी है। उद्यमी कहीं से भी बिजली ले सकता है। इसके अलावा, व्यावहारिक सौर ऊर्जा नीति भी लाई गई है। कई बड़े उद्योग समूहों ने हमारी इस नीति से प्रभावित होते हुए निवेश का प्रस्ताव दिया है। सांसद/विधायक गण को भी इन नीतियों से उद्योग जगत को अवगत कराना चाहिए।
■ विगत साढ़े पांच-छह वर्षो ने गन्ना किसानों को ₹1.88 लाख करोड़ से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। समयबद्ध भुगतान सरकार की प्राथमिकता है। रमाला (बागपत) चीनी मिल फिर से चलाई गई है। क्षेत्रीय आवश्यकता के दृष्टिगत नई चीनी स्थापित की गई है। पुरानी मिलों की क्षमता वृद्धि और आधुनिकीकरण का कार्य हो रहा है। जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यह कार्य आगे भी जारी रहेगा।
■ आगामी 10-12 फरवरी को उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। समिट से पहले दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की हमारी कार्ययोजना को आशातीत सफलता मिली है। जीआईएस-2023 ऐतिहासिक होने जा रहा है। व्यापक निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
■ विदेशी और घरेलू निवेशक रोड शो से प्रेरणा लेते हुए अनेक जनपदों में जिला स्तर पर निवेशक सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं और हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं। ऐसे ही प्रयास मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों में भी किये जाने चाहिए। जहां आयोजन हो चुका है, वहां भी नए निवेशकों से बातचीत की जारी रखी जानी चाहिए। आज प्रदेश के हर जिले में निवेश आ रहा है।
■ 10 फरवरी से प्रारंभ हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मुख्य समारोह से सभी जिलों को जोड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन सभी को प्राप्त होगा। इस आयोजन में स्थानीय निवेशकों, उद्यमियों को आमंत्रित करें।
■ जनपदीय निवेशक सम्मेलन के आयोजन के लिए सांसद के नेतृत्व में विधायक गण कमान संभालें, जिला प्रशासन, औद्योगिक अवस्थापना विभाग, इन्वेस्ट यूपी और मुख्यमंत्री कार्यालय से सहयोग लें। अपने क्षेत्र के उद्यमियों, व्यापारियों, प्रवासी जनों से संवाद-संपर्क बनाएं। उन्हें प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों, सेक्टोरल पॉलिसी की जानकारी दें। अपने क्षेत्र के पोटेंशयिल का परिचय दें और निवेश के लिए प्रोत्साहित करें।
■ उत्तर प्रदेश के युवा आज दुनिया के हर देश में हैं। यह एनआरआई युवा अपनी प्रतिभा और क्षमता का लाभ उत्तर प्रदेश को देने को उत्सुक हैं। इन युवाओं को हमें अवसर उपलब्ध कराना होगा। कई देशों में उत्तर प्रदेश के प्रवासियों ने संगठन भी बनाया है। जनप्रतिनिधियों को इन संगठनों से सतत संवाद-संपर्क बनाने का प्रयास करना चाहिए।
■ सांसद-विधायक गण प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीतियों का व्यापक प्रचार प्रसार करें। स्थानीय विश्वविद्यालय/ महाविद्यालयों/पॉलिटेक्निक/आईटीआई में युवाओं के बीच इन पर परिचर्चा कराई जाए। जनप्रतिनिधिगण इन कार्यक्रमों में प्रतिभाग करें।
■ जनप्रतिनिधि गण क्षेत्र में संचालित विकास परियोजनाओं का निरीक्षण करते रहें। यह योजनाएं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की छवि निर्माण में सहायक हैं। गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने में जनप्रतिनिधियों को योगदान करना होगा।
उत्तर प्रदेश
राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार
प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।
मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।
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