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उत्तर प्रदेश

उप्र के किसानों के लिए खुशखबरी, बढ़ी हुई MSP पर फसल खरीदेगी योगी सरकार

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Yogi government will buy Mustard, gram and lentils on increased MSP

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के किसानों को सरकार ने बड़ी सौगात दी है किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक अप्रैल से सरसों, चना और मसूर की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर शुरू होगी।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि भवन में मीडिया से बातचीत में यह घोषणा की। उन्होंने तीनों ही फसलों की बढ़ी हुई MSP की जानकारी के साथ कृषि विभाग द्वारा किसानों के हितों में लिए गए अन्य निर्णयों की जानकारी भी साझा की।

प्राथमिकता के आधार पर स्थापित किए जाएंगे क्रय केंद्र

कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा सरसों की खरीद 5450 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी। इसी तरह चना के लिए एमएसपी की दरें 5335 रुपये और मसूर के लिए 6000 रुपये प्रति क्विंटल तय की गईं हैं।

क्रय केंद्रों के माध्यम से 3.94 लाख टन सरसों, 2.12 लाख टन चना और 1.49 लाख टन मसूर खरीदा जाएगा। जिन जिलों में दस हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर इन तीनों फसलों की खेती की गई हैं, वहां प्राथमिकता के आधार पर क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

क्रय नैफेड व उसकी सहयोगी एजेंसियों के माध्यम से होगी। इस मौके पर कृषि विभाग के अपर प्रमुख सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मोटे अनाज को प्रोत्साहित कर रही सरकार

जायद सीजन में ज्वार, बाजरा व मक्के के हाइब्रिड बीजों पर 50 प्रतिशत का अनुदान देगी। यह अधिकतम 15 हजार रुपये प्रति क्विंटल होगा। पीएम किसान सम्मान निधि के लाभ से वंचित करीब 33 लाख किसानों को जोड़ने के लिए सरकार अभियान चलाएगी।

पंचायत स्तर पर 10 मई से 31 मई के मध्य कैंप लगाकर इन किसानों की आधार शीडिंग व भू-लेख आदि का सत्यापन किया जाएगा। बता दें कि एक दिसंबर 2018 से शुरू हुई केंद्र सरकार की इस योजना के तहत अब तक प्रदेश में 2.6 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 5200 करोड़ रुपये की राशि भेजी जा चुकी है।

ई-नाम पर बढ़ी आलू की खरीद

आलू किसानों के लिए सरकार के प्रयासों का परिणाम दिखने लगा है। 600 रुपये प्रति क्विंटल तक आलू का औसत भाव पहुंच गया है। E-NAM (राष्ट्रीय कृषि बाजार) पर आलू के भाव में कुछ तेजी आई है। ई-नाम पर सोमवार को आलू की औसत कीमत 547.88 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो मंगलवार को 595.37 रुपये हो गई।

कृषि मंत्री ने गिनाईं उपलब्धियां

खेत तालाब योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 5104 तालाबों का निर्माण। अगले वित्तीय वर्ष में अप्रैल से जून के मध्य 5550 खेत तालाब के निर्माण का लक्ष्य।

पीएम कुसुम योजना के 15000 सोलर पंप के लक्ष्य के सापेक्ष 14,238 किसानों ने जमा कर दिया कृषक अंश। अब तक 12979 पंपों की आपूर्ति। 11265 पंपों का सत्यापन कार्य भी पूर्ण। अगले वित्तीय वर्ष में लगाए जाएंगे 30 हजार सोलर पंप। खेतों में मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए 30 हजार क्विंटल ढैंचा बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे।

मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए उप्र मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम की 186.26 करोड़ की पांच वर्ष की योजना की दी गई है स्वीकृति। अगले वित्तीय वर्ष के लिए 55.60 करोड़ की राशि का प्रविधान।

प्रत्येक विकासखंड के पांच प्रगतिशील किसानों के अनुभवों का लिया जाएगा लाभ।

यूपी विकास निगम घाटे से उबरा 2018-19 से लगातार मुनाफे में।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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