उत्तर प्रदेश
इन्साफ नहीं मिला तो इस्लाम छोड़ बन जाउंगी हिंदू- गर्भवती महिला ने लगाई गुहार
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक गर्भवती महिला ने अपने पति, देवर, जेठ और ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका आरोप है कि पति गैर मर्दों से पैसे लेकर यौन शोषण कराता है। देवर और जेठ ने भी उसके साथ रेप किया है।
महिला ने मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उठाते हुए गुहार लगाई है कि अगर न्याय नहीं मिला तो वह इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू बन जाएगी। मामला सामने आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है।
गर्भवती महिला ने मुजफ्फरनगर एसएसपी के कार्यालय पहुंचकर अपने पति के खिलाफ शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने महिला की शिकायत को सुना। केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
दहेज मांगने का भी लगाया आरोप
महिला बिजनौर के एक गांव की रहने वाली है। उसका निकाह 5 साल पहले मुजफ्फरनगर जिले के ककरौली थाना क्षेत्र के एक गांव में हुआ था। महिला का आरोप है कि शादी के बाद से ही उसका शौहर उसे दहेज को लेकर परेशान कर रहा था। मांग पूरी नहीं हुई तो उसने उसे निशाना बनाना शुरू कर दिया।
पीड़िता ने कहा कि शौहर ने बाद में दबाव बनाना शुरू किया। गंभीर आरोप लगाते हुए महिला ने कहा कि शौहर गैर मर्दों से पैसे लेकर यौन उत्पीड़न कराता है। मना करने पर मारपीट करता है।
ससुराल पक्ष पर भी उत्पीड़न का मामला
गर्भवती महिला का आरोप है कि शौहर के इस घिनौने काम में देवर, जेठ और ससुराल के अन्य सदस्य भी साथ देते हैं। इतना ही नहीं 6 महीने की गर्भावस्था के दौरान देवर और जेठ ने उसका रेप किया। इसके बाद उसका धैर्य जवाब दे गया।
महिला ने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर सीनियर पुलिस अधिकारियों से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। महिला का कहना है कि मोदी जी और योगी से मेरी अपील है कि मुझे इंसाफ दिलवाएं। जिन लोगों ने मेरे साथ इस प्रकार का व्यवहार किया है, उन्हें सजा मिले।
महिला ने कहा कि अगर मुझे इंसाफ नहीं मिलता है तो मैं मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लूंगी। मैं बहुत परेशान हो गई हूं। मैं तीन महीने से पुलिस के चक्कर काट रही हूं।
मामले में सिटी एसपी सत्यनारायण प्रजापति ने महिला के आरोप दर्ज किए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिला का केस महिला थाने में दर्ज किया गया है। शिकायतों पर जांच शुरू कर दी गई है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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