उत्तर प्रदेश
उप्र निकाय चुनाव: अंतिम आरक्षण की अधिसूचना आज संभव, 9 अप्रैल को तारीखों का एलान
लखनऊ। उप्र की 762 में से 760 नगरीय निकायों में चुनाव की तारीखों का एलान 9 अप्रैल तक हो सकता है। नगर विकास विभाग आज शुक्रवार देर शाम तक निकाय चुनाव के लिए अंतिम आरक्षण की अधिसूचना जारी करने की तैयारी कर रहा है।
विभाग ने निकाय चुनाव के लिए अनंतिम आरक्षण जारी करते हुए उस पर 6 अप्रैल तक आपत्तियां मांगी थी। बृहस्पतिवार शाम तक विभाग को 832 आपत्तियां मिली है। इनमें से अधिकांश आपत्तियां आरक्षण के नियम को लेकर की गई है।
विभाग के मंत्री ए.के. शर्मा ने शाम को विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर आपत्तियों के निस्तारण पर बात की। एक एक आपत्ति का गहन अध्ययन कर निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं ताकि आगे किसी तरह की कानूनी अड़चन नहीं आए।
विभाग के अधिकारियों ने निकाय चुनाव में आरक्षण के लिए जारी अध्यादेश के आधार पर आपत्तियों का निस्तारण की कवायद शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को सभी आपत्तियों का निस्तारण कर अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।
इसके बाद विभाग की ओर से अंतिम आरक्षण की अधिसूचना और प्रस्तावित चुनाव कार्यक्रम राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा। आयोग निकाय चुनाव दो से तीन चरण में कराने का कार्यक्रम जारी कर सकता है।
चुनाव की तारीखों का एलान आज शुक्रवार देर शाम से लेकर 9 अप्रैल तक कभी भी किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार का भी प्रयास है कि आयोग जल्द से जल्द चुनाव कार्यक्रम जारी करे, आयोग को चुनाव कार्यक्रम जारी करने की तैयारियां करने के संकेत दिए गए हैं।
आपत्तियां बनी आफत
नगर विकास विभाग द्वारा मेयर और अध्यक्ष सीटों के आरक्षण की जारी अनंतिम अधिसूचना पर करीब 832 आपत्तियां आई हैं। अधिकतर आपत्तियां आरक्षण नियमों का पूरी तरह से पालन न करने और महिलाओं को तय कोटे से अधिक सीटें देने की है।
बताया जा रहा है कि राजनीतिक पार्टियों खासकर सपा द्वारा दी गई आपत्तियां आफत बनी हुई हैं। इसीलिए इसका मिलान किया जा रहा है, जिससे किसी तरह की कोई चूक न रह जाए।
सूत्रों का कहना है कि नगर विकास विभाग को आधी रात तक खोलकर इनको दूर करने के लिए माथापच्ची चलती रही। खासकर यह मिलान किया गया कि महिलाओं को क्या वाकई में अधिक सीटें आवंटित कर दी गई हैं। इसका मिलान करने और मामला विधिक स्तर पर फंसता नजर नहीं आया तो अंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
अनंतिम आरक्षण पर मिली 832 आपत्तियां
नगरीय निकाय चुनाव में अंतिम आरक्षण की अधिसूचना शुक्रवार शाम तक जारी हो सकती है। नगर विकास विभाग को अनंतिम आरक्षण पर बृहस्पतिवार तक 832 आपत्तियां मिली है। विभाग ने इनका निस्तारण शुरू कर दिया है।
विभाग की ओर से आपत्तियों का निस्तारण कर शुक्रवार शाम तक अंतिम आरक्षण जारी किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव की अधिसूचना 8-9 अप्रैल तक जारी कर सकता है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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