Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

सीएम योगी का निर्देश, मंडियों में हो किसानों की सुविधा और फसलों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

Published

on

Loading

■ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 168वीं बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा किसानों का हित संरक्षण सुनिश्चित करते हुए विभिन्न दिशा-निर्देश दिए गए।

■ राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा किसानों के हित का ध्यान रखते हुए किये जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व से संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जहां ₹614 करोड़ की आय हुई, वहीं 2022-23 में ₹1520.95 करोड़ की आय हुई थी। वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहले दो माह ने अब तक ₹251.61 करोड़ का राजस्व संग्रहीत हो चुका है। मंडी शुल्क न्यूनतम होने के बाद भी मंडियों से राजस्व संग्रह में हुई बढ़ोतरी सराहनीय है।

■ फसलों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्ण रोपण सामग्री, बागवानी फसलों के गुणवत्ता पूर्ण रोपण एवं रोग मुक्त बनाने के लिए आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज (अयोध्या) में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जाए। यह प्रयोगशाला कम से कम 03 हेक्टेयर के विशाल परिसर में स्थापित हो। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था मंडी परिषद द्वारा की जाएगी।

■ मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। वर्तमान में 05 विश्वविद्यालयों एवं 23 महाविद्यालयों में कृषि एवं गृह विज्ञान के विद्यार्थियों को ₹3000 मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। योजना का लाभ अधिकाधिक युवाओं को मिले, इसके लिए इसमें कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी तथा 37 अन्य महाविद्यालयों को भी इसमें शामिल किया जाए।

■ जैविक एवं प्राकृतिक उत्पादों के आउटलेट वर्तमान में मंडल मुख्यालय पर स्थापित हैं। इन्हें जिला मुख्यालय तक विस्तार देने की आवश्यकता है। मंडी समितियों में भी आउटलेट खोले जाएं। जैविक/प्राकृतिक बाजार लगवाएं। हमारे किसानों के जैविक/प्राकृतिक उत्पादों के सत्यापन, ब्रांडिंग के लिए लैब टेस्टिंग आवश्यक है। यद्यपि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, द्वारा लखनऊ, मेरठ, बनारस एवं झांसी में प्रयोगशालाएं संचालित हैं, लेकिन प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों में कोई लैब संचालित नहीं है। ऐसे में मंडी परिषद द्वारा प्रदेश के सभी 04 कृषि विश्वविद्यालयों में टेस्टिंग लैब स्थापित किया जाए।

■ किसानों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में ग्रामीण हाट पैठ और आधुनिक किसान मंडियों का निर्माण कराया है। क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार नए हाट पैठ और किसान मंडियों का निर्माण कराया जाना चाहिए। इनका अच्छा मेंटीनेंस रखें। पटरी व्यवसायियों को यहां समायोजित किया जाना चाहिए।

■ मंडियों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो। जलभराव की स्थिति न हो। किसानों की सुविधा का पूरा ध्यान रखें और कृषि फसल की सुरक्षा के अच्छे प्रबंध हों। शौचालय/पेयजल के पर्याप्त इंतज़ाम रखें।

■ यह सुखद है कि मंडी परिषद की सहायता से कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रावासों का निर्माण कराया जा रहा है। इन छात्रावासों का निर्माण कार्य गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखते हुए समयबद्ध ढंग से पूरा कराया जाए। कृषि मंत्री द्वारा इन निर्माणाधीन छात्रावासों का निरीक्षण किया जाए।

■ विभिन्न जनपदों में कृषि उत्पादन मंडी परिषद की भूमि/भवन निष्प्रयोज्य हैं। इस भूमि/भवन के व्यवस्थित इस्तेमाल के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। इस प्रकार परिषद अपनी आय का एक नवीन विकल्प भी सृजित कर सकता है।

■ कृषि और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक नीतिगत प्रयास किए जा रहे हैं। प्राकृतिक खेती को प्रोत्सहित करने के लिए भी योजनाबद्ध रीति से कार्य किया जा रहा है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, उत्पाद की ब्रांडिंग हो, सही बाजार मिले, इसके लिए राजधानी लखनऊ में ‘एग्री मॉल’ स्थापित किया जा रहा है। इस संबंध में कार्यवाही तेजी से आगे बढाएं। एग्री मॉल में किसान सीधे अपने फल, सब्जियों की बिक्री कर सकेंगे।

■ मंडी परिषद द्वारा नवी मुंबई में निर्यात प्रोत्साहन हेतु वर्ष 2006 में स्थापित किये गये ऑफिस ब्लॉक को और उपयोगी बनाने के लिए इसे एमएसएमई विभाग से जोड़ा जाना चाहिए।

Continue Reading

झारखण्ड

झारखंड : मारा गया 15 लाख का इनामी नक्सली छोटू खरवार, आपसी लड़ाई में गई जान

Published

on

Loading

रांची। झारखंड में 15 लाख के इनामी नक्सली छोटू खरवार की हत्या हो गई है। छोटू खरवार की मौत आपसी लड़ाई में हुई है। पलामू डीआईजी वाई एस रमेश ने आज इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आपसी विवाद में माओवादी छोटू खरवार की हत्या हुई है। हालांकि पुलिस द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है।

झारखंड के नक्सली छोटू खरवार को झारखंड का सबसे बड़ा नक्सली कहा जाता है। जिसके ऊपर 15 लाख का इनाम रखा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, छोटू खरवार की हत्या आपसी लड़ाई में की गई है। हत्या को अंजाम छिपादोहर थाना क्षेत्र के भीमपांव जंगल पास दिया गया है। हालांकि अभी तक हत्या का सही कारण सामने नहीं आया है, इसकी जांच पुलिस कर रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से माओवादियों के बीच आपसी रंजिश की खबरें सामने आईं। इसी रंजिश का समझौता करने के लिए माओवादी नक्सली भीमपाव जंगल में जमा हुए थे। समझौते के दौरान ही सभी माओवादी एक दूसरे से भिड़ गए। इसी बीच एक माओवादी ने गोली चलाई, जो छोटू खरवार को लगी। घटना के बाद छोटू खरवार के शव को छोड़कर सभी लोग जंगल से फरार हो गए। पलामू डीआईजी वाई एस रमेश ने पुष्टि करते हुए कहा कि जंगल में उनको एक बॉडी मिली जो छोटू खरवार की है।

Continue Reading

Trending