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प्रादेशिक

सीमा हैदर के जासूस होने का शक गहराया, भाई और चाचा हैं पाकिस्तानी सेना में

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Seema Haider

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नई दिल्ली। अपने प्रेमी से मिलने भारत आई सीमा हैदर को लेकर रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब पता चला है कि शक पहले से किया जा रहा है कि सीमा हैदर एक पाकिस्तानी जासूस हो सकती है, इस बीच सीमा को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है। सीमा हैदर का चाचा और भाई पाकिस्तानी सेना में तैनात है। सीमा का भाई आसिफ कराची में पाकिस्तानी सेना में पोस्टेड है। वहीं सीमा का चाचा गुलाम भी पाक सेना में तैनात है।

सीमा हैदर, सचिन और सचिन के पिता नेत्रपाल अपने घर पर नहीं हैं। यूपी एटीएस ने सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें अपनी देखरेख में कहीं सेफ हाउस में रखा है। बता दें कि सीमा हैदर, उसके चार बच्चे और सचिन रबूपुरा के पास अंबेडकर नगर में 13 मई से लेकर 1 जुलाई तक किराए पर रहे थे। उस दौरान किराया 2500 रुपए था। वहां के मकान मालिक गिरजेश का कहना है कि उन्हें ये पता था कि सचिन गांव का लड़का है। वो पहले अकेले कमरा किराए पर लेने के लिए बात करने आया था। हमने कहा था कि अकेले आदमी को कमरा नहीं देते तो उसने बताया कि उसकी पत्नी है और चार बच्चे हैं। हमने सचिन का आधार कार्ड लिया था, सीमा का नहीं लिया था। सचिन गांव का लड़का था, इसलिए किराएदार का वेरिफिकेशन नहीं कराया था।

मकान मालिक गिरजेश ने कहा कि सचिन और सीमा का परिवार हमारे बच्चों के साथ घुल मिल गए थे। भाषा और पहनावे से कभी नहीं लगा कि वो पाकिस्तान से हैं। सीमा हिंदी बोलती थी। सचिन ने बताया था वो शिकारपुर के पास अहमदगढ़ की रहने वाली है। सीमा पर हमें शक नहीं हुआ।

मकान मालिक ने कहा कि एक बार बच्चों ने बताया कि सचिन ने सीमा की पिटाई की थी। उसका कारण सचिन ने बताया कि वो बीड़ी पीती है। एक बार सचिन खाना खाने आया तो वो बीड़ी पी रही थी। इसलिए सचिन ने सीमा से मारपीट की थी। मकान मालिक ने कहा कि हमने उसे बोला था कि मारपीट करोगे तो कमरा खाली कर दो। पुलिस आई थी और हमसे पूछा कि कब से यहां रह रहे थे, कैसी भाषा थी, कैसा पहनावा था। पुलिस ने ये भी कहा कि आगे जरूरत पड़ेगी तो जेवर आना पड़ेगा। एटीएस ने कोई संपर्क नहीं किया, वो एलआईयू वाले थे।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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