Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

नूंह: साइबर ठगी की वारदात पर विराम, 12 दिनों में नहीं दर्ज हुआ एक भी मामला

Published

on

Cyber fraud incident stopped in Nuh

Loading

नूंह। बीते 31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में जलाभिषेक यात्रा पर पथराव, फायरिंग, छह लोगों की मौत व 70 से ज्यादा लोगों के घायल होने के बाद लगे कर्फ्यू के बीच एक राहत भरी खबर भी है। इस हिंसा के बाद पुलिस की सख्ती, कर्फ्यू और इंटरनेट पर प्रतिबंध का असर यह भी रहा कि दक्षिण हरियाणा के चार जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और नूंह में साइबर ठगी की वारदात पर विराम लग गया।

इन जिलों में जहां प्रतिदिन साइबर ठगी की 10 से 15 एफआईआर दर्ज की जाती थीं, वहीं बीते 12 दिनों में नूंह, पलवल और गुरुग्राम में एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ।

मिनी जामताड़ा के रूप में सामने आया था नूंह

कुछ माह पूर्व ही नूंह को मिनी जामताड़ा की संज्ञा उस समय दी गई थी, जब करीब पांच हजार पुलिसकर्मियों की विभिन्न टीमों ने एक साथ नूंह के गांवों में दबिश की कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में 200 से ज्यादा साइबर अपराधियों का नेटवर्क ध्वस्त किया गया था।

यह वह साइबर ठग थे जोकि नूंह की जमीन से देश भर में साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। इनमें से कुछ अपराधी तो साइबर ठगी की क्लास जामताड़ा से ही लेकर आए थे। खुलासा तो यहां तक हुआ था कि नूंह से बैठकर ही कुछ साइबर ठग ऑनलाइन ठगी की क्लास तक संचालित कर रहे थे।

पुलिस की इस कार्रवाई के बाद ट्रक लूट, वाहनचोरी, एटीएम लूट और गोकशी के मामलों में चर्चित रहने वाला नूंह मिनी जामताड़ा के रूप में उबरकर सामने आया था। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद पहली बार पता चला था कि नूंह के गांवों से नवयुवकों और नाबालिगों की फौज देश भर में साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे।

बीते 12 दिनों में नहीं दर्ज हुई साइबर ठगी की एक भी एफआईआर

पुलिस आंकड़े बताते हैं कि 31 जुलाई को नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से गुरुग्राम, पलवल और नूंह में साइबर ठगी का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ। यही हाल नूंह और पलवल जिले का है। यहां भी दंगों के बाद से साइबर ठगी का कोई मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा है।

पुलिस अधिकारी भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि साइबर ठगी के मामलों में लगातार चर्चा में रहने वाले दक्षिण हरियाणा के इन चार जिलों में हिंसा के बाद से साइबर ठगी का कोई मामला सामने नहीं आया है।

गुरुग्राम में सबसे ज्यादा दर्ज हुए थे साइबर ठगी के मामले

गुरुग्राम में इस साल एक जनवरी से 30 जुलाई तक जहां साइबर ठगी के 227 मामले दर्ज किए थे। इनमें मानेसर साइबर थाने में 27, साइबर थाना साउथ में 26, साइबर थाना वेस्ट में 70 और साइबर थाना ईस्ट में सबसे ज्यादा 104 मामले दर्ज हुए थे।

बीते 12 दिनों में इस श्रेणी का एक भी मामला किसी भी साइबर थाने में दर्ज नहीं हुआ है। इसी प्रकार नूंह जिले में बीते सात माह के दौरान जहां साइबर ठगी के 24 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं बीते 12 दिनों में साइबर ठगी की एक शिकायत तक पुलिस के पास नहीं पहुंची है।

सात माह में फरीदाबाद में दर्ज किए गए थे 92 मामले

गुरुग्राम से सटे फरीदाबाद जिले में भी बीते सात माह के दौरान 30 जुलाई तक साइबर ठगी से जुडे़ 92 मामले विभिन्न साइबर थानों में दर्ज किए गए थे। इनमें से एनआईटी साइबर थाने में 33, सेंट्रल साइबर थाने में 30 और बल्लभगढ़ साइबर थाने में 29 मामले शामिल हैं। नूंह हिंसा के बाद से पलवल जिले में भी साइबर ठगी की कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।

ज्यादातर साइबर अपराधी जेल में या जंगल में

पुलिस का मानना है कि नूंह में 31 जुलाई को जलाभिषेक यात्रा पर पथराव, फायरिंग और उसके बाद हुई हिंसा में बड़ी संख्या में साइबर अपराधी भी शामिल रहे थे। अब पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश की कार्रवाई के बाद इनमें से ज्यादातर अपराधी या तो जेल की सलाखों के पीछे हैं या फिर अरावली की पहाड़ी पर जंगल में छिपे हुए हैं। कुछ ने पड़ोसी राज्यों में अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले रखी है। इन सभी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

नूंह के एसपी नरेंद्र बिजरानिया न कहा नूंह हिंसा के बाद से ही निश्चित ही साइबर ठगी के मामलों में कमी आई है। दरअसल हिंसा के तत्काल बाद शहर में जहां कर्फ्यू लगा दिया गया था, वहीं अफवाहों का दौर रोकने के लिए एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवा को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

उन्होंने कहा 13 अगस्त तक यह प्रतिबंध जारी रहेगा। इस अवधि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। साइबर अपराधी भी नूंह हिंसा में शामिल रहे थे। ऐसे में कुछ अपराधी जहां जेल की सलाखों के पीछे हैं, वहीं कुछ अभी फरार हैं। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

ऐसे करते थे साइबर ठगी

– ओएलएक्स पर सामान बेचने या खरीदने के बहाने।

– खुद को आर्मी मैन बताकर पुराना सामान बेचने के बहाने।

– व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से बैंक खाते का ओटीपी पूछकर।

– पैसा भेजने का झांसा देकर लिंक भेजकर।

– आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए किसी परिचित की आवाज बनाकर।

– विदेश से महंगा गिफ्ट भेजने का झांसा देकर।

– वर्क फ्रॉम होम के नाम पर लोगों को मोटी इनकम का लालच देकर।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने निकाला नया नारा…. ‘जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई’

Published

on

Loading

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीरापुर विधानसभा के मोरना क्षेत्र में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। बटेंगे तो कटेंगे के बाद यहां उन्होंने नए नारा देते हुए कहा कि जहां दिखा सपाई, वहां बिटिया घबराई।

उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मै यहां भाषण कर रहा था तब पब्लिक के बीच से एक नारा आ रहा था। वह नारा था, 12 से 2017 के बीच में एक नारा चलता था, जिस गाड़ी पर सपा का झण्डा समझो उस पर बैठा है कोई। इसके आगे जनता के बीच से आवाज आई कि ..गुण्डा।

इसके आगे मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भाईयों बहनों आज मै कह सकता हूं कि जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई। मुख्यमंत्री प्रदेश की उन घटनाओं का जिक्र किया जिसमें बेटियों के साथ बलात्कार हुआ और उसमें सपा से जुड़े लोग आरोपित पाए गए। योगी ने कहा कि आपने इनके कारनामों को देखा होगा। अयोध्या और कन्नौज में यह नजारा देखा होगा। समाजवादी पार्टी का यह नया ब्रांड है। इनको लोकलाज नहीं है। ये आस्था के साथ भी खिलवाड़ करते हैं। यह ऐसे लोग हैं जिनसे पूरे समाज को खतरा है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आज पश्चिम उत्तर प्रदेश में तीन जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। विधान सभा की नौ सीटों पर हो रहे चुनाव में प्रचार की कमान उन्होंने खुद संभाल ली है। उनके साथ दो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और यूपी भाजपा के अध्यक्ष समेत अन्य नेता भी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।

Continue Reading

Trending