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सिक्किम: CM तमांग ने बांधे केंद्र सरकार की तारीफों के पुल, पिछली सरकार पर लगाया आरोप

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Sikkim CM Prem Singh Tamang praised the central government

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गंगटोक। भारत के पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में बादल फटने से तीस्ता नदी में आई बाढ़ के बाद हालात खराब हैं। हालात पर चर्चा करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि इस आपदा के समय में भारत सरकार हर संभव सहायता कर रही है। सरकार द्वारा तत्काल राहत के लिए रसद सहायता, सेना और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इतना ही नहीं, केंद्र स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है।

मुख्यमंत्री ने आज शनिवार को कहा कि हम सभी की प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को बचाना और मूलभूत सुविधाएं बहाल करना है। भारत सरकार की ओर से पूरा सहयोग मिल रहा है। राहत के लिए उन्होंने धनराशि भी जारी की है। आपदा के कारण यहां हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है।

सात शव बरामद

उन्होंने कहा कि अगर कल तक के आंकड़ों पर गौर करें तो 19 शव बरामद किए गए हैं, जबकि 103 लापता हैं। वहीं, 22 सैन्यकर्मियों में से सात के शव नदी के विभिन्न इलाकों से बरामद किए गए हैं। कल रात भी कुछ शव बरामद किए गए हैं।

प्रभावित परिवारों की संख्या अधिक

सीएम ने कहा कि आपदा से प्रभावित परिवारों की संख्या 22 हजार से अधिक है। 3900 से अधिक लोगों को सुरक्षित बचाया गया है और उन्हें बचाव शिविरों में रखा है। फिलहाल, 26 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं।

केंद्र कर रहा हरसंभव सहायता

CM तमांग ने कहा कि इस आपदा के समय में भारत सरकार हर संभव सहायता कर रही है। सरकार द्वारा तत्काल राहत के लिए रसद सहायता, सेना और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इतना ही नहीं, केंद्र स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए फोन भी किया है।

उन्होंने कहा, ‘बाढ़ के कारण कनेक्टिविटी की काफी कमी है। इसलिए हम अभी उन पर्यटकों को कुछ भी कहने की हालत में नहीं हैं, जो यहां दुर्गा पूजा के लिए सिक्किम आना चाहते हैं।’

15 तक स्कूल बंद

सीएम ने बताया कि 15 अक्तूबर तक के लिए स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, पश्चिम सिक्किम में स्कूल बंद नहीं किए हैं, क्योंकि यहां स्थिति ठीक है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों से भी चर्चा हुई हैं, लेकिन फिलहाल वहां की सीएम ममता बनर्जी से कुछ बात नहीं हुई है।

पिछली सरकार पर निशाना

मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने पिछली सरकार पर भी निशाना साधा। कहा कि चुंगथांग बांध टूटने के बाद सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। अगर पहले की सरकार ने बांध का निर्माण ठीक से किया होता तो आज इस आपदा से बचा सकता था। उन्होंने कहा कि वह एक समिति बनाएंगे, जो इस संबंध में जांच करेगी। केंद्रीय एजेंसी से भी मदद लेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों को सजा मिले।

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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

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राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

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