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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में मारा गया पठानकोट आतंकी हमले का मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ, अज्ञात हमलावरों ने किया ढेर

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Pathankot terror attack mastermind Shahid Latif killed in Pakistan

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सियालकोट में आज बुधवार को अज्ञात हमलावरों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के कमांडर शाहिद लतीफ (41) और हाशिम को मार गिराया। आतंकी शाहिद लतीफ को दस्का शहर की एक मस्जिद में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी।

शाहिद लतीफ की मौत को जैश-ए-मोहम्मद के लिए एक बड़ा आघात बताया जा रहा है। पठानकोट एयरबेस हमले के गुनाहगारों में शामिल शाहिद लतीफ को वर्ष 2010 में भारत सरकार ने उसकी सजा पूरी होने और पाकिस्तान के बेहतर संबंधों की बहाली के प्रयास के लिए वापस भेजा था। उसके साथ 25 अन्य आतंकियों को भी रिहा किया गया था।

सियालकोट में मारा गया आतंकी शाहिद लतीफ जैश-ए-मोहम्मद में नंबर तीन माना जाता रहा है। वह जम्मू कश्मीर और उप्र की जेलों में लगभग 16 वर्ष तक बंद रहा है।

आतंकी शाहिद लतीफ अहमियत

आतंकी लतीफ अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 1999 में जब हरकतुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने आइसी-814 विमान को हाईजैक कर कंधार पहुंचाया था तो मौलाना मसूद अजहर के साथ उसकी रिहाई की मांग भी की थी।

बाद में उसकी रिहाई की मांग छोड़ दी गई और मौलाना मसूद अजहद के साथ मुश्ताक जरगर उर्फ लटरम, अहमद उमर सैयद शेख की रिहाई पर जोर दिया गया। इन्हीं तीनों को भारत सरकार ने रिहा किया था।

भारत ने आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया था

आतंकी शाहिद लतीफ की हत्या कैसे हुई है अभी इसकी पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है। शाहिद लतीफ को भारत सरकार ने आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया था। इसके साथ ही वह गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत एक मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा वांछित था।

सियालकोट में बनाई थी हमले की योजना

लतीफ जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का सदस्य था। वह 2 जनवरी 2016 को हुए पठानकोट हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। शाहिद ने सियालकोट से हमले की योजना बनाई थी और भारत में हमले को अंजाम देने के लिए चार जैश आतंकवादियों को पठानकोट भेजा था।

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पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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