उत्तर प्रदेश
आजम खान से मुलाकात करेंगे अजय राय, अखिलेश ने कहा- जब फंसाया जा रहा था तब कहां थे
लखनऊ/सीतापुर। उप्र के पूर्व मंत्री और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान को लेकर सियासत तेज है। आजम के पक्ष में बयान देने के बाद अब यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय गुरुवार को उनसे मिलने सीतापुर जेल जा रहे हैं। हालांकि जानकारी के मुताबिक अबतक मुलाकात की अनुमति जारी नहीं की गई है।
गौरतलब है कि बीते दिनों बरेली से दिल्ली जाते हुए अजय राय ने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया था कि कांग्रेस आजम खान की लड़ाई लड़ेगी। इसके बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि आजम के बहाने कांग्रेस मुस्लिम वोटों को अपने पाले में करना चाहती है।
अब इस मामले में अजय राय खुलकर आगे आ गए हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से बुधवार को उनका सीतापुर का कार्यक्रम जारी किया गया, जिसमें जानकारी दी गई है कि वह सीतापुर जिला जेल जाकर आजम खां से मुलाकात करेंगे।
जब आजम को फंसा रहे थे तब कहां थे ये लोग: अखिलेश यादव
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उस समय कांग्रेस के लोग कहां थे जब आजम साहब को फंसाया जा रहा था? कांग्रेस के नेता भी उनको फंसाने में लगे थे। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मुलाकात कार्यक्रम पर उन्होंने कहा कि आजम खान से सबको मिलना चाहिए।
मुलाकात के लिए दिया गया है प्रार्थनापत्र
कांग्रेस के सीतापुर जिला अध्यक्ष उत्कर्ष अवस्थी ने बताया कि उन्होंने सिटी मैजिस्ट्रेट के कार्यालय में जाकर अजय राय के कार्यक्रम और पांच लोगों से मुलाकात के बाबत प्रार्थना पत्र की हार्ड कॉपी दी है। इसके अलावा डीएम, एसपी और जेलर को वॉट्सऐप पर भी इस बाबत प्रार्थना पत्र दिया है।
इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से डीएम सीतापुर को ई-मेल से भी ये पत्र भेजे गए हैं। हालांकि देर शाम तक मुलाकात संबंधी कोई अनुमति नहीं दी गई है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष या प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के पास भी किसी भी पत्र के बाबत कोई रिसीविंग नहीं है।
15 दिनों मे हो सकती है सिर्फ दो मुलाकात
जेल अधीक्षक सीतापुर सुरेश सिंह ने कहा जेल मैनुअल के अनुसार, अगर गुरुवार को आजम खां से मुलाकात करने का कोई प्रार्थना पत्र आता है तो उन्हें सूचित किया जाएगा। अगर आजम खां मिलना चाहते हैं तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की मुलाकात उनसे करवाई जाएगी। नियमों के मुताबिक आजम खान से 15 दिन में दो मुलाकात हो सकती है जिसमें एक मुलाकात बुधवार को उनके बेटे से हुई है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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