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उत्तर प्रदेश

अयोध्या में CM योगी ने लांच किया टूरिज्म सेंटिक मोबाइल एप, श्रद्धालुओं की आवश्यकताओं को करेगा पूरा

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Tourism Centric mobile app Ayodhya

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अयोध्या में टूरिज्म सेंट्रिक मोबाइल ऐपलिकेशन का शुभारंभ किया। यह एप श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या भ्रमण को और भी आसान बना देगी। इसमें अयोध्या के प्रमुख स्थलों की जानकारी, मैप, परिवहन, रुकने की व्यवस्था के साथ साथ कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस एप को अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को समर्पित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि योगी सरकार अयोध्या को वैश्विक पर्यटन नगरी के रूप में स्थापित कर रही है। ऐसे में यहां देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए इस एप को समस्त प्रकार की सुविधाओं के एकल प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया गया है।

पार्किंग से लेकर ऑनलाइन बुकिंग तक की मिलेगी सुविधा

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के अनुसार, टूरिज्म सेंट्रिक मोबाइल एप्लिकेशन अयोध्या शहर में आने वाले पर्यटकों, दर्शनार्थियों के लिए उनके आगमन से प्रवास तक की सभी आवश्यकताओं जैसे प्रवास के लिए होम स्टे, भ्रमण के लिए प्रदूषण-मुक्त इलेक्ट्रॉनिक कार,

नगर विकास द्वारा प्रदान की गई 50 इलेक्ट्रॉनिक बसों के रूट की स्थिति, संचालन का समय व ऑनलाइन टिकट बुकिंग, गोल्फ कार्ट, हॉप ऑन हॉप ऑफ वाहन, व्हील चेयर, स्थानीय मान्यता प्राप्त एवं प्रशिक्षित टूरिस्ट गाइड आदि की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराता है।

इसके अतिरिक्त अयोध्या नगर एवं समीपवर्ती विभिन्न मंदिर-मठों, दार्शनिक एवं ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी समय सारणी के साथ साथ धार्मिक स्थानों से लेकर विभिन्न स्थानों के लिए नेविगेशन के माध्यम से मार्गदर्शन एवं स्थानीय व्यंजनों तक, सभी प्रकार की जानकारी इस एप में उपलब्ध रहेगी।

इन सभी के अलावा, इस एप के माध्यम से निकटतम पार्किंग की जानकारी के साथ ही पार्किंग में खड़े वाहनों कि स्थिति के अनुसार अपने वाहन कि पार्किंग के लिए उपयुक्त समयनुसार ऑनलाइ बुकिंग भी कर सकते हैं। अयोध्या में दर्शन, पूजन पाठ, पवित्र सरयू नदी में स्नान करना चाहते हों, या अयोध्या विजन 2047 की जानकारी हो, दिव्य अयोध्या एप आपका श्रेष्ट मार्गदर्शक साबित होगा।

22 भाषाओं में उपलब्ध होगी जानकारी

एप पर सभी जानकारी भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें विभिन्न भाषी तीर्थ यात्रियों एवं सैलानियों को विशेष रूप से मदद मिलेगी। इस एप में उपलब्ध 3डी मैप सेवा भविष्य में समय के साथ नगर में अवस्थापना संबंधी हो रहे बदलाव को दिखाने में सक्षम होगा। साथ ही इसी एप्लीकेशन के माध्यम से दूर देश बैठ कर आप अयोध्या के विभिन्न मंदिरों एवं ऐतिहासिक स्थलों का वर्चुअल दर्शन भी प्राप्त कर सकेंगे।

समय के साथ इस एप को इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के साथ जोड़ने की योजना है, जिसके माध्यम से नगर में समुचित सफाई व्यवस्था के साथ ही नगर के विभिन्न कैमरों से जोड़ कर नगर में हो रहे समस्त गतिविधियों की निगरानी कर सकेंगे।

इस एप के माध्यम से सरयू जी में संचालित क्रूज व नाव एवं म्यूजिकल फाउंटेन व लाइट एंड साउंड सिस्टम के साथ-साथ टेंट सिटी इत्यादि की बुकिंग व ओडीओपी, उपहार सामग्रियों का विक्रय भी किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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