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प्रादेशिक

स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोड़ी सपा, एमएलसी पद से भी दिया इस्तीफा, कहा- पार्टी में मेरी बात नहीं सुनी गई

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लखनऊ। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने एमएलसी पद से भी त्यागपत्र दे दिया है। स्वामी प्रसाद ने पार्टी में हो रही लगातार उपेक्षा को इस्तीफे की वजह बताया है। उन्होंने विधान परिषद के सभापति को अपना इस्तीफा सौंपा है।

बता दें कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर सपा के साथ आए स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश यादव ने सपा के कोटे से विधानपरिषद में भेजा था। मंगलवार को मौर्य ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। विधान परिषद के सभापति को लिखे अपने इस्तीफे में मौर्य ने लिखा, ‘मैं सपा के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा यूपी निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुआ हूं। मैंने सपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है, इसलिए नैतिकता के आधार पर विधान परिषद उत्तर प्रदेश की सदस्यता से भी त्यादगपत्र दे रहा हूं। कृपया स्वीकार करने की कृपा करें।’

 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ों का आरक्षण खत्म किया जा रहा है। जातिवार गणना की मांग को लेकर सड़क पर उतरना चाहिए था। बेरोजगारी बेतहाशा बढी है, महंगाई से लोगों की कमर टूट रही है। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इन सब मुद्दों को लेकर हमने सड़क पर उतरने का अनुरोध किया था। लेकिन आज तक पार्टी में हमारी बातें सुनी नहीं गईं। जब संगठन में ही भेदभाव है, एक राष्ट्रीय महासचिव का हर बयान निजी हो जाता है… जब पद में ही भेदभाव है और मैं भेदभाव के खिलाफ ही लड़ाई लड़ता हूं तो ऐसे पद पर रहने का औचित्य क्या है?

 

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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