उत्तर प्रदेश
राजस्थान सीएम ने कैबिनेट संग, लोकसभा अध्यक्ष ने परिवार संग लगाई रामलला के दरबार में हाजिरी
अयोध्या। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को प्रभु श्रीरामलला के नव्य-भव्य मंदिर में अपनी कैबिनेट के सदस्यों साथ विधि-विधान से दर्शन पूजन किया। वहीं लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी परिवार संग प्रभु दरबार में अपनी हाजिरी लगाई। दर्शन पूजन के उपरांत राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने अयोध्या में माहेश्वरी समाज के धर्मशाला की आधारशिला रखी। सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने किया। इसके अलावा प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने भी रामलला के मंदिर में दर्शन-पूजन किये।
राम हमारे रोम-रोम में बसते हैं : सीएम भजनलाल
श्रीरामलला के मंदिर में अपनी कैबिनेट सहित 133 प्रतिनिधिमंडल के साथ दर्शन पूजन के उपरांत राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां आकर मन प्रसन्न हो गया है, क्योंकि पहले तो हम सभी ने टेंट में ही प्रभु का दर्शन किया था। उन्होंने अयोध्या में भव्य श्रीराममंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैं यहां आकर अपने आप को सौभाग्यशाली मान रहा हूं। ये बहुत बड़ा काम हुआ है, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहुत-बहुत धन्यवाद और साधुवाद। उनके प्रयास से ही अयोध्या में दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक महत्व के केंद्र के रूप में विशाल रामलला का मंदिर बनकर तैयार हुआ है। राम हमारे रोम-रोम में बसते हैं। राम हमारे आस्था के केंद्र हैं। सीएम भजनलाल ने लोकसभा चुनाव के संबंध में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सभी जगह राम की महिमा है, भगवान राम जो करेंगे अच्छा करेंगे। इस मौके पर राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव ददलानी ने कहा कि अयोध्या आकर वह अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। वर्षों का आंदोलन साकार हो चुका है।
रखी गई माहेश्वरी समाज के धर्मशाला की आधारशिला
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अखिल भारतीय महेश्वरी सेवा सदन पुष्कर राजस्थान की ओर से बनाई जाने वाली सरस्वती देवी शिवकिशन दम्मानी भवन का भूमि पूजन किया। अयोध्या के दशरथ कुंड के पास 100 करोड़ से बनने वाले माहेश्वरी समाज की धर्मशाला में 300 कमरे होंगे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी मौजूद रहे।
अलौकिक है प्रभु श्रीराम की ये धरती : ओम बिडला
श्रीरामलला के भव्य मंदिर में परिवार समेत दर्शन-पूजन के उपरांत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा अयोध्या की पावन धरती और सरयू नदी हम सबकी आस्था व विश्वास और हम सबमें चेतना जागृत करने वाली है। इस धरती पर आज प्रभु श्रीराम के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। प्रभु सियाराम की यह धरती हम सबके लिए अलौकिक है, जो सबको आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरणा देती है। भगवान राम का जीवन, उनके आदर्श, उनके मूल्य आज लोकतंत्र के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देते हैं। इस धरती पर आकर नई ऊर्जा और चेतना मिलती है।
राम हमारे राष्ट्रीय राजा हैं : सतीश महाना
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने श्रीरामलला के दर्शन के उपरांत बताया कि पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरे देश में उत्साह है। राम इस राष्ट्र की आत्मा और आस्था हैं। राम हमारे राष्ट्रीय राजा हैं। पूरे देश से भगवान रामलला का दर्शन करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं।
इस अवसर पर अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, भाजपा के प्रांतीय सह मीडिया प्रभारी हिमांशु व डीएम नीतीश कुमार ने माला पहनाकर व रामनामी भेंटकर सभी अतिथियों का स्वागत सत्कार किया। वहीं सांस्कृतिक मंच के कलाकारों ने स्वागत में लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी अतिथियों के लिए दर्शन और सुरक्षा-व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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