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उत्तर प्रदेश

कृषक उत्पादक सेल गठित करेगी योगी सरकार, मिशन मोड में चलाएगी अभियान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की कृषि उत्पादकता को नए आयाम देने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार प्रदेश को देश के फूड बास्केट के तौर पर विख्यात करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के अन्नदाता किसानों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की प्रगति व प्रशस्ति का मार्ग सुनिश्चित कर रही योगी सरकार अगले तीन महीने मिशन मोड में अभियान चलाने जा रही है। सीएम योगी की मंशा के अनुसार प्रदेश में सक्रिय एफपीओ के ऑनलाइन पंजीयन, ऑनलाइन मार्केटिंग प्लैटफॉर्म से जोड़ने व लाइसेंसिंग तथा इक्विटी ग्रांट समेत तमाम प्रक्रियाओं के सरलीकरण की प्रक्रिया को क्रियान्वित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, कृषक उत्पादक सेल का भी गठन किया जाएगा।

3,240 एफपीओ आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के अंतर्गत पंजीकृत

योगी सरकार द्वारा कृषि विभाग को सक्रिय किसान उत्पादक संगठनों को सुदृढ़ करने और उन्हें ओएनडीसी तथा ई-नाम से जोड़ने की प्रक्रिया को गति देने का निर्देश दिया गया है। इन कार्यों को बढ़ावा देने के लिए कृषक उत्पादक सेल का गठन किया जाएगा जो इम्पलिमेंटिंग एजेंसी के तौर पर कार्य करेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 3,240 एफपीओ आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के अंतर्गत कार्यरत हैं जिनको शक्ति पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है।

संतृप्तीकरण अभियान के जरिए कई लक्ष्यों की होगी पूर्ति

सीएम योगी की मंशा अनुरूप तैयार की गई विस्तृत कार्ययोजना के जरिए प्रदेश में एफपीओ को सुदृढ़ बनाने का जो फ्रेमवर्क निर्धारित किया गया है उसमें प्रमोशन, पारदर्शी कृषि बाजार का निर्माण, इनपुट लाइसेंसिंग प्रक्रिया (खाद, बीज, कीटनाशक), मण्डी लाइसेंस, जीएसटी लाइसेंस, एफएसएसआई लाइसेंस तथा मार्केट लिंकेज के लिए ओएनडीसी प्लैटफॉर्म पर ऑनबोर्ड कराना शामिल है। इस प्रक्रिया को ओएनडीसी तथा ई-नाम पोर्टल से जोड़कर पूरा कराया जाएगा। इसके अलावा, इक्विटी ग्रांट, इनपुट लाइसेंस, बीज लाइसेंस सीड डीलरशिप लाइसेंस तथा उर्वरक लाइसेंस जैसी तमाम महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को पूर्ण करने में मदद मिलेगी।

कृषक उत्पादक संगठन सेल का होगा गठन

प्रदेश में एफपीओ फ्रेमवर्क को बढ़ावा देने के लिए अगले 3 महीने वृहद स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। इस क्रम में, कृषक उत्पादक सेल का गठन किया जाएगा जो इम्पलिमेंटिंग एजेंसी के तौर पर कार्य करेगा। एफपीओ को प्रोत्साहित करने के लिए इम्पिलेंटिंग एजेंसी शासन के साथ विभिन्न स्तरों की बैठकों का आयोजन करेगी और पूरे अभियान की रूपरेखा समेत विस्तृत प्रगति रिपोर्ट भी तैयार करेगी। इस रिपोर्ट की विभिन्न स्तर पर मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी जिससे पारदर्शिता के साथ ही कार्य की प्रगति की वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सकेगी। राज्य सलाहकार समिति (एसएलसीसी) व जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी (डीएमसी) प्रक्रिया से संबंधित अभियान के कार्यों का पर्यवेक्षण करेगी।

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उत्तर प्रदेश

ग्रेटर नोएडा में 25 हजार रोजगार के सृजन का माध्यम बनेगी ‘इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप’

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर’ की इकॉनमी बनाने की दिशा में संकल्पित व प्रयासरत योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा में बन रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के वृहद विकास के लिए बड़ा रोडमैप तैयार किया है। सीएम योगी के विजन अनुसार, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप को 6,807 करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश को लक्षित करने के माध्यम के तौर पर विकसित किया जाएगा जिसके जरिए इस क्षेत्र में 25 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा के परी चौक से 11 किलोमीटर की दूरी पर अजायबपुर रेलवे स्टेशन के करीब इस टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। यह क्षेत्र नोएडा मुख्य शहर से भी मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कुल 747.50 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के हो रहे विकास में से 332.52 एकड़ क्षेत्र में इंडस्ट्रियल, 72.86 एकड़ में ग्रुप हाउसिंग व ईडब्ल्यूएस रेजिडेंशियल तथा 38.15 एकड़ में कमर्शियल लैंड यूज की गतिविधियां संचालित होंगी। वहीं, 300.97 एकड़ एरिया का एरिया विकास सेक्टर व साइट लेआउट प्लान रोड्स, साइकिल ट्रैक, एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग्स व हरित क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

मोबाइल कॉम्पोनेंट्स व इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के हब के तौर पर बन रही पहचान

ग्रेटर नोएडा में विकासशील इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप दरअसल, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के लिहाज से एक प्रमुख परियोजना है, जिसे विश्व स्तरीय मानकों के साथ डिजाइन किया गया है। नए जमाने की कार्कायशैली के अनुसार यहां कार्यक्षमता व सौंदर्य के बीच संतुलन बनाया गया है। वैसे, परियोजना के अंतर्गत इंडस्ट्रियल पॉकेट रीजन में पहले से ही कई बड़े प्लांट्स संचालित हैं। इसके जरिए हजारों लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं तथा यह क्षेत्र मोबाइल कॉम्पोनेंट्स व इलेक्टॉनिक आइटम्स के निर्माण क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन से भी है और अजायबपुर व दादरी रेलवे स्टेशंस क्लोज प्रॉग्जेमिटी पर स्थित हैं, इसी कारण से इस क्षेत्र को भविष्य के बड़े इंडस्ट्रियल हब के विजन के साथ विकसित किया जा रहा है।

कई सेक्टर्स के प्रोडक्ट्स का हो सकेगा उत्पादन

मोबाइल कॉम्पोनेंट्स व इलेक्टॉनिक आइटम्स के निर्माण का कार्य तो इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में शुरू हो ही चुका है, इसके अतिरिक्त अन्य कई सेक्टर्स की भी निर्माण इकाइयों की संथापना व संचालन की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि मोबाइल, पीसीबी, एसी, टीवी, वॉशिंग मशीन व एलईडी कॉम्पोनेंट्स जैसे मैनुफैक्चरिंग सेक्टर्स की निर्माण इकाइयां यहां पहले से ही बड़े स्केल पर प्रोडक्शन कर रही हैं। वहीं, अब इस क्षेत्र में इंडस्ट्रियल मशीनरी, कॉस्मेटिक्स, हेल्थकेयर, आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स, पीवीसी पाइप्स, फिटिंग्स, पाउडर व लिक्विड पेंट्स, इलेक्ट्रिक वायर तथा कॉपर ट्यूब्स व पाइप्स की निर्माण इकाइयों की स्थापना व संचालन की प्रक्रिया के लिए लीज डीड प्रॉसेस को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

तेजी से बढ़ रही है निर्माण व विकास प्रक्रिया

सीएम योगी के विजन अनुसार इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के विकास के लिए बनाई गई विस्तृत कार्ययोजना के क्रियान्वयन के जरिए इंडस्ट्रियल, कमर्शियल व रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स को गति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फिलहाल, इंडस्ट्रियल लैंड यूज के कुल 42 प्लॉट्स में से 17 बड़े प्लॉट्स आवंटित किए जा चुके हैं जबकि 25 प्लॉट्स की आवंटन प्रक्रिया में भी तेजी लाई जाएगी। इसी प्रकार, रेजिडेंशियल के 6 व कमर्शियल के 7 प्लॉट्स की भी आवंटन प्रक्रिया को जल्द ही शुरू किया जाएगा। प्रोजेक्ट टाउनशिप के अंतर्गत 240.22 एकड़ क्षेत्र में विभक्त 38 प्लॉट्स की भी आवंटन प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। इसमें से 10 इंडस्ट्रियल प्लॉट्स की आवंटन प्रक्रिया को इसी माह पूर्ण कर लिया जाएगा।

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