उत्तर प्रदेश
भव्य और दिव्य महाकुंभ के लिए संगमनगरी का होगा कायाकल्प
लखनऊ। संगमनगरी प्रयागराज में अगले वर्ष की शुरुआत में होने जा रहे महाआयोजन महाकुंभ 2025 को योगी सरकार भव्य और दिव्य बनाने के लिए जोरदार तैयारियों में जुटी है। योगी सरकार महाकुंभ में सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता के साथ-साथ महाकुंभ की सुंदरता को लेकर भी मिशन मोड में कार्य कर रही है। इस क्रम में महाकुंभ से पहले ही प्रयागराज को दुल्हन की तरह सजा दिया जाएगा। योगी सरकार की पूरे शहरी इलाके के सौंदर्यीकरण की योजना है, जिस पर कार्य भी शुरू हो चुका है। अयोध्या में रामलला के नव विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान जिस तरह की साज सज्जा की गई थी, उसी तरह प्रयागराज का कायाकल्प किया जाएगा। जगह-जगह ग्रीन बेल्ट, हार्टिकल्चर, थीमैटिक डेवलपमेंट समेत सैकड़ों स्तंभ स्थापित किए जाएंगे। महाकुंभ के आयोजन के दौरान जब श्रद्धालु संगमनगरी पहुंचेंगे तो यहां की आभा देखकर न सिर्फ दंग रह जाएंगे, बल्कि पूरी तरह धार्मिक आस्था के रंग में सराबोर हो जाएंगे।
सीएम योगी ने दिए थे निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा करते हुए इसके प्रबंधन से जुड़े विभिन्न विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। उन्होंने महाकुंभ को स्वच्छता, सुविधा और सुरक्षा का मानक आयोजन बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा था। मुख्यमंत्री के अनुसार, महाकुंभ 2025 पूरे विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। यह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि भारत की ग्लोबल ब्रांडिंग का माध्यम बनेगा। हमें इसके सफल आयोजन के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि महाकुंभ भारत की प्राचीन संस्कृति का परिचायक है। इसकी गरिमा के अनुरूप पूरे नगर को सजाया जाना चाहिए। कुंभ से जुड़े कथानक, सनातन संस्कृति के प्रतीकों आदि को चित्रित किया जाए। चौराहों पर कुंभ के लोगो लगाए जाने चाहिए। थीम आधारित द्वार, स्तम्भ, लाइटिंग के प्रयास होने चाहिए।
प्रत्येक मार्ग पर ग्रीन बेल्ट का निर्माण
सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रयागराज में 38 जंक्शन का सौंदर्यीकरण कार्य प्रगति पर है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा एजेंसी आबद्ध करके ट्रैफिक डेंसिटी एनालिसिस के प्रयोग से स्टडी करके डिजाइन तैयार किया गया है। इसके साथ ही 5 साल के मेंटीनेंस के साथ ग्रीन बेल्ट एवं स्कल्प्चर्स की स्थापना की जाएगी। कुल मिलाकर 19 जंक्शन पीडीए द्वारा, 15 जंक्शन पीडब्ल्यूडी एवं 2 जंक्शन का निर्माण सेतु निगम द्वारा किया जा रहा है। दूसरी तरफ, शहरी मार्गों का भी सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इसके तहत 38 शहरी मार्गों (75 किलोमीटर) का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। मेला प्राधिकरण द्वारा 8 आर्किटेक्ट आबद्ध कर प्रत्येक मार्ग पर ग्रीन बेल्ट, हार्टिकल्चर, लैंड स्केपिंग डेवलपमेंट, थीमैटिक डेवलपमेंट एवं गैप एनालिसिस पूर्ण किया जा रहा है। कुल 36 मार्ग पीडीए द्वारा और 2 मार्ग का सौंदर्यीकरण पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जा रहा है।
4 थीमैटिक गेट का भी प्रस्ताव
इसके अतिरिक्त लगभग 10 लाख वर्गफीट पर स्ट्रीट आर्ट व दीवारों पर कलाकृतियां बनाई जाएंगी। इसमें 5 लाख वर्गफीट कुंभ मेला मद से एवं 5 लाख वर्गफीट एनएमसीजी मद से प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा कार्य किया जाएगा। साथ ही, 4 थीमैटिक गेट बनाए जाने की भी योजना है। इन प्रस्तावित थीमैटिक गेट के नाम सरस्वती द्वार, शिव द्वार, गंगा द्वार और यमुना द्वार रखा जाएगा। इसकी निविदा प्रक्रियाधीन है। इसके अतिरिक्त 108 स्तंभों का भी निर्माण होगा। इन्हें, नदी के किनारे की सड़कों, विषयगत द्वारों और स्थलों पर स्तंभों का प्रस्ताव किया जा रहा है। भारद्वाज आश्रम में 8 नग, 4 विषयगत द्वार में 48 नग और रिवर फ्रंट रोड में 52 नग स्थापित किए जाएंगे। इस योजना की कार्यदायी संस्था सीएंड डीएस है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।
जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।
नगर कोतवाली नंबर वन
एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।
रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण
1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324
नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।
क्या है आइजीआरएस
एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।
प्रत्येक माह होती है शासन स्तर पर समीक्षा
आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।
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