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उत्तर प्रदेश

एआई से अवैध खनन के परिवहन पर अंकुश लगा रही योगी सरकार

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शासन व्यवस्था को नयी तकनीक से जोड़कर किये जा रहे प्रयासों का सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है। प्रदेश में अवैध खनन और इसके परिवहन के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान में भी नई तकनीक का बड़े स्तर पर उपयोग किया जा रहा है। इसके नतीजे भी असरकारी दिखाई दे रहे हैं। योगी सरकार के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा मानव रहित एआई और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित चेक गेट की स्थापना से अवैध खनन और इसके परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाने में मदद मिल रही है। बीते लगभग सवा दो साल में अबतक 24 हजार से अधिक मामलों में एआई, आईओटी और एम चेक ऐप के माध्यम से इन्फोर्समेंट की कार्रवाई को अंजाम दिया जा चुका है। वहीं इस दौरान 316 करोड़ से अधिक का शमन शुल्क भी वसूला गया है। अवैध खनन और इसके परिवहन पर प्रभावी कार्रवाई के लिए हर जिले में आठ टीमें गठित की गई हैं।

25 जिलों में 55 एआई आधारित चेकगेट

वर्तमान में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) जहां उद्योग, व्यापार, शिक्षा और मनोरंजन सहित विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त दखल रखने लगा है तो इसका उपयोग अब अवैध खनन और इसके परिवहन के खिलाफ अभियान में भी हो रहा है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 25 जिलों में प्रमुख मार्गों पर 55 मानव रहित एआई एवं आईओटी आधारित चेक गेट स्थापित किये गये हैं। इन चेक गेट पर लगे हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर के माध्यम से यहां से होकर गुजरने वाले खनिज वाहनों के परिवहन प्रपत्रों की वैधानिकता की जांच रियल टाइम बेसिस पर हो जा रहा है। ये चेकगेट हॉटस्पॉट लोकेशन पर लगाए गये हैं। यही नहीं सभी चेक गेट विभाग के निदेशालय सहित कमांड सेंटरों के साथ ही जिला स्तर पर बनाए गये कमांड सेंटरों से जुड़े हुए हैं।

ऐप से रियल टाइम स्कैनिंग

इसके अलावा एम चेक ऐप से भी अवैध खनन और उसके परिवहन पर प्रभावी लगाम लगाने में कामयाबी मिली है। एम चेक ऐप एक एंड्रॉयड आधारित मोबाइल अप्लीकेशन है जो खनिज परिवहन प्रपत्रों की स्कैनिंग करने, वाहन से संबंधित आंकड़े प्राप्त करने, प्रोसेसिंग करने एवं वायरलेस ट्रांसमिशन की सुविधाओं से युक्त है। इसके अलावा प्रदेश के प्रत्येक जिलों के जनपदीय अधिकारियों को आरएफआईडी हैंड हेल्ड रीडर उपलब्ध कराए गये हैं।

अबतक 316 करोड़ रुपए से अधिक शमन शुल्क की वसूली

विभागीय अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2022-23 में एआई के जरिए 9092 मामलों में इन्फोर्समेंट की कार्रवाई हुई, जिसमें 38.48 करोड़ रुपए वसूले गये। इसी प्रकार 2023-24 में 13374 मामलों में कार्रवाई हुई जिससे 53.07 करोड़ रुपए का शमन शुल्क वसूला गया। वहीं इस वित्तीय वर्ष में जून माह तक 1865 मामलों में इन्फोर्समेंट की कार्रवाई की गई है, जिससे 6.51 करोड़ रुपए शमन शुल्क वसूला गया है। दूसरी तरफ एम चेक ऐप के जरिए भी 2022-23 में 19190 प्रकरणों में प्रवर्तन की कार्रवाई की गई और 80.07 करोड़ रुपए शमन शुल्क वसूले गये। 2023-24 में प्रवर्तन की 26606 कार्रवाइयां हुईं, जिससे 108.60 करोड़ रुपए वसूले गये। वहीं इस वित्तीय वर्ष में जून माह तक 7546 मामलों में इन्फोर्समेंट की कार्रवाई हुई, जिससे 30.13 करोड़ रुपए वसूले गये हैं। विभाग द्वारा अबतक कुल 316.86 करोड़ रुपए के शमन शुल्क की वसूली की जा चुकी है।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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