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प्रादेशिक

राजस्थान में सफाई कर्मियों के लिए होंगी 24,797 पदों पर भर्तियां

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जयपुर। राजस्थान सरकार ने कहा है कि सफाई कर्मियों की नियुक्ति के लिए निर्धारित नियमों के संबंध में हाईकोर्ट के फैसले के परीक्षण के बाद शीघ्र ही भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इस निर्णय से हजारों युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जानकारी दी कि 24,797 सफाई कर्मियों की भर्ती के लिए 1 मार्च 2024 को विज्ञप्ति जारी की गई थी। इस विज्ञप्ति के जवाब में कुल 9,20,442 आवेदन प्राप्त हुए हैं। यह दर्शाता है कि इस भर्ती प्रक्रिया में लोगों की कितनी अधिक रुचि है और कितने लोग इस अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं।

आपको बता दें कि मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि सफाई कर्मियों की नियुक्ति के लिए निर्धारित नियमों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसके कारण भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया गया था। इस मुद्दे को सुलझाने के बाद ही आगे की प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा।

वहीं सफाई कर्मियों की भर्ती के लिए 2012 में बनाए गए नियमों में बदलाव किया गया है। पहले नगर निकायों के लिए 2 साल के अनुभव की योग्यता थी, जिसे बाद में 1 साल कर दिया गया। इसके अलावा दो बच्चों का प्रावधान भी जोड़ा गया। 11 अप्रैल 2018 को हुए संशोधन के बाद निजी संस्थान और व्यक्तिगत अनुभव प्रमाण पत्र को भी मान्यता दी गई।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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