प्रादेशिक
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने लाडनूं दौरे पर जैन विश्व भारती परिसर के संपोषण भवन में आयोजित कार्यक्रम में की शिरकत
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बुधवार को लाडनूं दौरे जैन विश्व भारती परिसर के संपोषण भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने सुधर्मा सभा प्रवचन स्थल का शिलान्यास किया और जैन संतों का आशीर्वाद लिया। भामाशाहों का सम्मान भी किया गया और परिसर में पोधरोपण किया। मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने आचार्य तुलसी को याद करते हुए कहा कि लाडनूं की भूमि ने आचार्य तुलसी जैसे महापुरुष समाज को दिए हैं, जिन्होंने अणुव्रत आंदोलन के जरिए समाज जागरण का कार्य किया। आचार्य तुलसी ने समाज में व्याप्त रूढ़िवादियों और कुरीतियों का त्याग करते हुए समाज में चेतना जगाई और समाज को प्रगतिशील बनाया। साथ ही समाज को अध्यात्म का दर्शन करवाते हुए संस्कृति, मानवता नैतिकता, शिक्षा, ध्यान और योग का प्रकाश फैलाया, इसलिए लाडनूं को तेरापंथ संघ की राजधानी की उपमा दी गई है।
उन्होंने कहा कि जैन विश्व भारती आचार्य तुलसी की परिकल्पना थी जो आज राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश भर में ज्ञान, विज्ञान, ध्यान, योग, अध्यात्म, संस्कृति और शिक्षा का उजियारा फैला रही है। यहां विभिन्न विषयों के शोध और अनुसंधान के कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मानव कल्याण की भावना और संस्कृति का संरक्षण इस संस्थान का मूल मंत्र है। यहां प्राचीन भाषाओं और लिपियों का भी संरक्षण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने पिछले साल इसी परिसर में हुई भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को याद करते हुए कहा कि जब यह बैठक हुई थी, तब मैंने इसी परिसर में तीन दिन गुजारे थे और इस संस्थान को करीब से जानने का मुझे अवसर मिला था। जैन विश्व भारती की इस धरती का ही प्रतिफल है कि प्रदेश में हमारी सरकार पूर्ण बहुमत से बनी और मुझे मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिला।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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