उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री योगी ने की जिला घरेलू उत्पाद अनुमान (डीडीपी) 2022-23 पुस्तिका के आंकड़ों की समीक्षा
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर नियोजन विभाग के अधिकारियों के साथ जिला घरेलू उत्पाद अनुमान उत्तर प्रदेश 2022-23 पुस्तिका के प्रकाशन के संबंध में अवश्यक दिशा निर्देश दिये। प्रदेश सरकार फैमिली आईडी के माध्यम से लोगों के सुनियोजित विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। फैमिली आईडी के माध्यम से डाटा एकत्रीकरण के कार्य को आगे बढ़ाया जाए। डाटा को बेहतर तरीके से एकत्र किया जाए तथा इसके अद्यतन डाटा को समय पर अपलोड कराया जाए। डाटा संग्रहण के कार्य में लगे लोगों का उचित प्रशिक्षण कराया जाए। जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का बेहतर डाटाबेस तैयार किया जाए।
● मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अनंत संभावना का प्रदेश है। उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्ष 2023-24 में 25.48 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो वर्ष 2022-23 में 22.58 लाख करोड़ रुपए था। वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की वृद्धि से आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार के विगत सात वर्षों के नियोजित प्रयासों के परिणामस्वरूप इसमें और वृद्धि की संभावना है।
● मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस पुस्तिका में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी, जनपद की डीडीपी व प्रदेश में प्रतिशत अंश एवं जनपद व प्रदेश की वार्षिक वृद्धि, जनपद की प्रति व्यक्ति आय, उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय, जनपद और उत्तर प्रदेश की तुलनात्मक स्थिति जैसे आंकड़ों का समावेश किया जाए।
● मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिला घरेलू उत्पाद अनुमान पुस्तिका के आंकड़ों को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों व कृषि विज्ञान केंद्रों को भी प्रेषित किया जाए तथा उनसे संवाद स्थापित करते हुए इन आंकड़ों के आधार पर शोध कार्य आगे बढ़ाए जाएं।
● मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार विलेज जीडीपी, डिस्ट्रिक्ट जीडीपी की दिशा में आगे बढ़ रही है, क्योंकि हमारी पंचायतें व नगरीय निकाय हमारा आधार हैं। कृषि क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं।
● मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पंचायतों व नगरीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। विगत सात वर्षों में उत्तर प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किये गये हैं तथा अर्बनाइजेशन भी तेजी से बढ़ा है। परिणामस्वरूप लोगों की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई है।
● मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक आत्मनिर्भर समाज ही आत्मनिर्भर भारत का आधार बनेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बीते 7 साल में हर क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुए हैं। प्रदेश की कार्य संस्कृति में बदलाव स्पष्ट दिखाई देता है। देश में कैपिटल एक्सपेंडिचर के मामले में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। अन्य राज्यों की तुलना उत्तर प्रदेश इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सर्वाधिक बजट खर्च करता है।
● मुख्यमंत्री जी ने बताया कि तकनीक के समावेश, भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था के कारण बीते 7 वर्षों में प्रदेश के राजस्व में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जलवायु सम्मेलन का किया शुभारंभ
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ में कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन विषयक जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ही केवल इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है। जीव जंतुओं का जीवन चक्र मनुष्य के साथ और मनुष्य का जीवन चक्र उनके साथ जुड़ा हुआ है। उनका अस्तित्व रहेगा तो हमारा भी अस्तित्व रहेगा और यदि उन पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व पर भी संकट आएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रलय की प्रतीक्षा ना करें, बल्कि अभी से धरती को हरा भरा बनाएं। कुम्भ का भी यही संदेश है। हम सबको आस्था के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के कारकों पर भी विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय करना होगा। उन्होंने कहा कि जीव सृष्टि और जंतु सृष्टि के संरक्षण के साथ ही मानव सृष्टि की सुरक्षा और संरक्षण हो पाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने दिल्ली में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए सभी पुण्य आत्माओं के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
श्रद्धालु पार्किंग में खड़े करें वाहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में जब जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो एक-दूसरे पर दोषारोपण होने लगता है। यही स्थिति महाकुम्भ में भी देखने को मिल रही है. एरियल सर्वे में देख रहा था कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन हर व्यक्ति सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करके संगम स्नान को जा रहा है। अगर वही व्यक्ति पार्किंग के स्थान पर अपना वाहन पार्क करे तो हो सकता है कि उसे 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कहीं जाम नहीं होगा और आसानी से वह संगम में स्नान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं, इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इसे हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन के कारण सूख रहीं नदियां
सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की इस पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 52 करोड़ लोग तब यहां डुबकी लगा पा रहे हैं, जब मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की कृपा से यहां अविरल जल उन्हें मिल पा रहा है। जो भी यहां डुबकी लगा रहा है उसे आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव मिल रहा है। इस अनुभव को जब वह अपने गांव में और आसपास के क्षेत्र में साझा कर रहा है, तभी वहां से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस पूरे आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको सोचना होगा की कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण के प्रदूषण का कारण जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन का ही कारण है कि धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था वह सूखती जा रही हैं। अनुमान कीजिए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गई तो शरीर की स्थिति क्या होगी। अगर धरती माता की धमनियां सूख गईं या प्रदूषित हो गई तो जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होना चाहिए उसकी क्या स्थिति होगी।
मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा
सीएम योगी ने कहा कि धरती माता के साथ खिलवाड़ न हो, इसको ध्यान में रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्षों के अंदर हमारी सरकार ने 210 करोड़ वृक्षारोपण किया है। वन विभाग के द्वारा जो वृक्ष लगाए गए हैं उसमें 70 से लेकर 80 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। वहीं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जो वृक्षारोपण हुआ है उसमें भी 60 से 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए पॉलिसी बनाई और अनेक कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। मर चुकी नदियों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया। आज जो संगम में इतना पावन स्नान एक साथ एक दिन में करोड़ों लोग कर पा रहे हैं। जितनी भीड़ कभी मौनी अमावस्या को जुटती थी उतनी भीड़ हर दिन हो रही है। नदियों को चैनेलाइज किया गया। संगम क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया। संगम में हर समय 10 हजार से 11 हजार क्यूसेक जल हमेशा मौजूद रहे इसको सुनिश्चित किया गया।
जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी आवश्यक
सीएम योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे, क्या नदियों पर कब्जा करना और प्रदूषण करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण कर पाएंगे, वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी, क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के क्रम में हम भी सहभागी बन सकें।
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना एवं राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।
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