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उत्तर प्रदेश

युवाओं को दृश्य कला से जोड़ने के लिए योगी सरकार ने शुरू किया नया कोर्स

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लखनऊ, । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के युवाओं को विभिन्न सेक्टर में स्किल्ड बनाने के लिए तमाम प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में अब संस्कृति विभाग की ओर से उप्र राज्य ललित कला अकादमी ने भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के साथ मिलकर युवाओं को दृश्यकला से जोड़ने का अभिनव प्रयास किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत बैचलर ऑफ विजुअल आर्ट (बीवीए चित्रकला) की नियमित 4 वर्षीय कोर्स को शैक्षणिक सत्र 2024-25 से प्रारम्भ किया जा रहा है। इसमें प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसकी अंतिम तिथि भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के समर्थ पोर्टल के माध्यम से 15 अगस्त 2024 तक है।

इंटरमीडिएट पास होना जरूरी

राज्य ललित कला अकादमी की निदेशक डॉ. श्रद्धा शुक्ला के अनुसार बीवीए (चित्रकला) में 20 सीटें हैं। इसमें प्रवेश लेने के लिए पंजीकरण शुल्क सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 500 रुपए तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ईडब्लूएस एवं महिला अभ्यर्थियों के लिए 300 रुपए निर्धारित हैं। आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं ने किसी भी मान्यता प्राप्त इण्टर कॉलेज से इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की हो। अभ्यर्थियों को प्रवेश परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।

प्रसिद्ध वॉश तकनीकी और लोक चित्रशैली का ज्ञान

निदेशक ने बताया कि प्रति सेमेस्टर शुल्क 6000 रुपए एवं परीक्षा शुल्क 800 रुपए अतिरिक्त देय होगा। अकादमी द्वारा बीवीए शैक्षणिक सत्र के दौरान लखनऊ की प्रसिद्ध वॉश तकनीकी जो कि बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट्स से प्रचलित होकर लखनऊ की पहचान बनी, इस तकनीकी का ज्ञान एवं संवर्धन अध्ययनरत छात्रों को कराया जाएगा। इसके साथ ही विभिन्न लोक चित्रशैली की तकनीकी का शिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा छात्र-छात्राओं में सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देकर उनके सर्वांगीण विकास के लिए भी कार्य किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

व्यापार मेले में 120 से ज्यादा स्टॉल बता रहे यूपी के विकास की कहानी

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नई दिल्ली | भारत मंडपम में बुधवार से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश मंडप योगी राज में सर्वांगीण विकास की कहानी बयां कर रहा है। ‘पार्टनर स्टेट’ के रूप में भाग ले रहे यूपी मंडप की थीम विकसित प्रदेश 2047 है, जो “विकसित भारत-2047” की अवधारणा को साकार करेगा।

उत्तर प्रदेश के मंडप में 120 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के उत्कृष्ट स्थानीय एवं पारंपरिक उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा हैं। इनमें से बहुत से उत्पादों को भौगोलिक संकेत (GI tag) प्राप्त है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को भी मेले में स्थान दिया गया है, वहीं निर्यातकों को भी प्राथमिकता दी गई है। यूपी मंडप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत (Vocal for local) की अवधारणा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकसित यूपी 2047 के विजन को साकार कर रहा है।
उत्तर प्रदेश मंडप में सूचना एवं पर्यटन विभाग के अतिरिक्त राज्य के स्वामित्व वाली इकाइयां (UPSIDA, नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी एवं यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी) भी प्रतिभाग कर रही हैं। उत्तर प्रदेश मंडप के माध्यम से फूड प्रोसिंग, टेक्सटाइल, आईटी, लेदर, हस्तशिल्प मेटल, ओडीओपी निर्यातक इकाइयों के अलावा कई अन्य उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है।

ग्राहकों को लुभा रहे ये उत्पाद

उत्तर प्रदेश पवेलियन में लगे विभिन्न जिलों के उत्पाद ग्राहकों को खूब लुभा रहे हैं, इनमें कन्नौज के इत्र से लेकर वाराणसी की सिल्क साड़ियां, लखनऊ की चिकनकारी, भदोही का कालीन, झांसी/बांदा की शजर स्टोर ज्वैलरी, बागपत के होम डेकोर, गौतमबुद्धनगर के वस्त्र उत्पाद, अलीगढ़ / मुरादाबाद के मेटल आर्ट वेयर, आगरा का पेठा, सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, हाथरस की हींग, संभल के हैण्डीक्राफ्ट्स उत्पाद शामिल हैं।

कारोबारी ले रहे ओडीओपी गैलरी में दिलचस्पी

उत्तर प्रदेश मंडप में एक वृहद ओडीओपी गैलरी का भी प्रदर्शन किया गया है, जिसमें जनपदों के ओडीओपी उत्पादों का आकर्षक एवं विहंगम प्रर्दशन किया गया है, जिनको देखने के लिए पहले ही दिन बड़ी संख्या में कारोबारी उमड़े।

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