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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार का निर्देश, प्रदेश में निर्धारित शिड्यूल के अनुसार हो सभी क्षेत्रों को निर्बाध विद्युत अपूर्ति

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लखनऊ। भीषण गर्मी और उमस के बीच प्रदेश की जनता को समस्या न हो, इसके लिए योगी सरकार ने निर्धारित शिड्यूल के अनुरूप सभी क्षेत्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति देने के निर्देश दिए हैं। सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को निर्देशित किया गया है कि शिड्यूल के अनुरूप विद्युत आपूर्ति के बीच होने वाली विद्युत् समस्या की भरपाई रोस्टर के दौरान अतिरिक्त अपूर्ति देकर पूरी की जाए।

किसानों को न हो सिंचाई में समस्या

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में 18:00 घण्टे, तहसील मुख्यालय स्तर पर 21:30 घण्टे व जनपद मुख्यालय स्तर पर 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति का शिड्यूल प्रदेश सरकार ने निर्धारित किया है, जिसे हर हाल में बनाए रखना है। किसी भी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति के दौरान यदि कोई स्थानीय फाल्ट के कारण कुछ समय के लिए विद्युत आपूर्ति बाधित होती है, तो उसकी भरपाई रोस्टर कटौती के दौरान अतिरिक्त आपूर्ति देकर की जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी गांव में सुबह 06 से 09 बजे के बीच व अपरान्ह 12 से 03 बजे के बीच रोस्टिंग तय की गई है और इसी दौरान सुबह 09 से 12 बजे के बीच स्थानीय फाल्ट के कारण 02 घण्टे विद्युत आपूर्ति बाधित होती है तो दोपहर 12 से 03 बजे के बीच में 02 घण्टे की अतिरिक्त विद्युत् आपूर्ति की व्यवस्था कर ली जाए, जिससे उस क्षेत्र में कुल 18 घण्टे की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। साथ ही बाधित सप्लाई के बदले प्रतिपूरक आपूर्ति (Compensatory supply) की यही व्यवस्था कृषि फीडरों पर भी लागू होगी, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए समस्या न हो। इस व्यवस्था को अनिवार्य रूप से सभी डिस्कॉम अपने क्षेत्रों में लागू करेंगे, इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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