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उत्तर प्रदेश

पेशेंट और अटेंडेंट के प्रति पेशेंस का भी भाव रखें डॉक्टर : मुख्यमंत्री योगी

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपरीत परिस्थितियों में भी अथक परिश्रम के साथ मरीजों की सेवा करने के लिए डॉक्टरों की सराहना करने के साथ उनसे किसी भी हालत में धैर्य बनाए रखने की सीख दी है। उन्होंने कहा कि पेशेंट और अटेंडेंट के प्रति सेवा भाव के साथ ही पेशेंस का भी रखना बेहद जरूरी है। एक डॉक्टर के प्रति आमजन जो श्रद्धा और सम्मान की भावना रखता है, उसे बड़े मेहनत से संजोए रखना डॉक्टर की जिम्मेदारी है।

सीएम योगी शनिवार को बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के साथ ही जनहित में विभिन्न नई सुविधाओं का शुभारंभ करने के बाद मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने एमबीबीएस और पैरामेडिकल के छात्रों को टैबलेट व स्मार्टफोन भी वितरित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब किसी के परिवार का कोई सदस्य बीमार होता है तो उसके तनाव की सहज कल्पना की जा सकती है। कोई मरीज किसी के परिवार का मुखिया होता है तो कोई मरीज किसी परिवार का इकलौता बेटा। हालांकि आयुष्मान योजना और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से मिल रही बड़े पैमाने पर सहायता से पैसे को लेकर तनाव नहीं रह गया है फिर भी बीमार और उसके तीमारदार की अपनी समस्याएं होती हैं। उसके तनाव को समझा जा सकता है और ऐसे में जब किसी मरीज-तीमारदार के साथ मारपीट की घटना हो जाती है तब लोगों में खिन्नता का भाव पैदा होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक डॉक्टर की पहचान योग्यता, सेवा के साथ धैर्य से भी बननी चाहिए क्योंकि डॉक्टर का पेशेंस जवाब दे देगा तो पेशेंट की दिक्कत बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि प्यार के दो बोल से मरीज की स्थिति में बड़ा परिवर्तन आ सकता है, उसे नया जीवन मिल सकता है।

एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज की तरफ तेजी से आगे बढ़ा यूपी

सीएम योगी ने कहा कि एक दौर वह भी था जब गोरखपुर मंडल में एकमात्र बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही था। बस्ती, अयोध्या, आजमगढ़, देवीपाटन मंडल में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं थे। जबकि आज कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बहराइच, अयोध्या, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी, आजमगढ़ आदि जिलों में मेडिकल कॉलेज बन गए हैं। महराजगंज, शामली और संभल में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज शुरू हो गए हैं, बलरामपुर और बलिया में भी मेडिकल कॉलेज बनने की प्रक्रिया आगे बढ़ी है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की लंबी श्रृंखला खड़ी हो रही है। यूपी एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज की तरफ तेजी से आगे बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष यूपी में 10500 से अधिक एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश होने जा रहा है। इससे डॉक्टरों की कमी को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी।

स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ होने के आ रहे सुखद परिणाम

सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने नए मेडिकल कॉलेज खोले तो वहीं पुराने मेडिकल कॉलेजों को बेहतरीन सुविधाओं, संसाधनों से आच्छादित किया। स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ होने के सुखद परिणाम आ रहे हैं। नेशनल हेल्थ सर्वे में 2011-14 तक प्रदेश में मातृ मृत्यु दर 285 थी जबकि आज यह घटकर 150 से 165 के बीच आ गई है। इसी तरह शिशु मृत्यु दर पहले 57 प्रति हजार थी जो अब घटकर 30 से 35 के बीच रह गई है। सीएम ने कहा कि हमें स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र को उत्कृष्ट बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना होगा। खुद को नए शोध और नई तकनीकी की जानकारी से अपडेट करते रहना होगा।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पतन से उत्थान तक का साक्षी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज में नई सुविधाओं का शुभारंभ करते हुए कुछ यूं भावुक हुए कि उन्होंने इसके बदहाल स्थिति से लेकर बदलाव तक की कहानी सबको याद दिला दी। उन्होंने कहा कि वह 30-35 वर्ष से बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पतन से लेकर उत्थान तक कि कहानी देखते रहे हैं। कभी मेडिकल कॉलेज की डिग्री व मान्यता पर खतरा मंडराता था तो प्रति वर्ष बड़े पैमाने पर बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस से होती थी। कभी कभी लगता था कि इसकी मान्यता अब गई कि तब गई। इंसेफेलाइटिस पूर्वी यूपी के लिए अभिशाप बनी हुई थी। बड़ी संख्या में मरीज भर्ती होते थे, कोई सुविधा नहीं थी। एक बेड पर चार बच्चे भर्ती रहते थे। पुरानी बिल्डिंग के थर्ड फ्लोर पर इंसेफेलाइटिस वार्ड में पंखा तक नहीं था। टॉयलेट चोक होने से फर्श पर पानी पसरा रहता था। भीषण गर्मी और बदबू से लोगों को चक्कर आने लगता था। 1998 में पहली बार सांसद बनने के बाद से ही उन्होंने राज्य से लेकर केंद्र सरकार के स्तर तक लड़ाई लड़ी। आज छह से सात साल में इस मेडिकल कॉलेज की पूरी तस्वीर ही बदल गई है। इंसेफेलाइटिस के इस साल सिर्फ चालीस मरीज भर्ती हुए और कैजुअल्टी एक भी नहीं है। अंतर विभागीय समन्वय और टीम वर्क से इंसेफेलाइटिस नियंत्रण एक मॉडल बना है जिसे हम देश-दुनिया के सामने रख सकते हैं।

पीएम मोदी का जताया आभार

अपने संबोधन के दौरान सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि पीएम मोदी ने इंसेफेलाइटिस के समाधान के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक दिया। महत्वपूर्ण जांच की सुविधा के लिए आईसीएमआर के रीजनल सेंटर की सौगात दी और गोरखपुर में 2016 में एम्स खोलने की स्वीकृति दी।

बीआरडी की प्रतिस्पर्धा एम्स से

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मरीजों से बातचीत का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा जाता कि आसपास के जिलों में मेडिकल कॉलेज बन जाने के बाद भी उन जिलों, बिहार और नेपाल तक के मरीजों के मन में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रति विश्वास का भाव है। एम्स चिकित्सा क्षेत्र का एक बड़ा नाम है पर उससे भी बड़ी बात है एम्स होने के बावजूद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों का आना। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बीआरडी की प्रतिस्पर्धा एम्स से है और इसके लिए यहां के डॉक्टरों को खुद को तैयार रखना होगा। इसके लिए संसाधनों का कोई अभाव नहीं होने दिया जाएगा।

युवाओं की ऊंची उड़ान में पंख लगाने को खड़ी है सरकार

मुख्यमंत्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटल प्लेटफार्म के महत्व को समझाते हुए कहा कि डिजिटल तरीकों से सेवा देने के लिए कई महत्वपूर्ण संस्थानों से एमओयू किया जा सकता है। मेडिकल छात्रों को डिजिटली सक्षम बनाने के लिए उन्हें टैबलेट-स्मार्टफोन दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं की ऊंची उड़ान में पंख लगाने के लिए सरकार उनके साथ खड़ी है।

निरीक्षण कर सीएम ने जाना मरीजों का हाल, बाल मरीजों पर बरसाया स्नेह

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल कॉलेज में 500 बेडेड हॉस्पिटल, पीडियाट्रिक आईसीयू, बर्न यूनिट का निरीक्षण कर वहां भर्ती मरीजों का हाल जाना। उन्होंने मरीजों से बातचीत कर उन्हें मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली और फल वितरित करते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। बाल मरीजों को देखकर सीएम योगी काफी भावुक हो गए। उन्होंने आत्मीय अंदाज में उनसे बात की, चोट लगने के कारण और बीमारी के बारे में पूछा। बाल मरीजों पर उन्होंने खूब स्नेह बरसाया और फल के साथ उन्हें चॉकलेट देकर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेर दिया। सीएम योगी ने इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट लैब का भी भ्रमण कर वहां के डॉक्टरों से आपातकालीन इलाज के बारे में जानकारी ली।

एमबीबीएस व पैरामेडिकल के 483 छात्रों में टैबलेट-स्मार्टफोन का वितरण

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत 483 एमबीबीएस और पैरामेडिकल छात्रों को टैबलेट-स्मार्टफोन का वितरण भी किया। इनमें से 15 छात्रों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों टैबलेट-स्मार्टफोन प्राप्त हुए। उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत गोरखपुर जिले में योजना के प्रारंभ वर्ष 2021-22 से अब तक 118938 छात्र-छात्राओं को टैबलेट-स्मार्टफोन वितरित किए जा चुके हैं जबकि 22125 टैबलेट के वितरण का कार्य महाविद्यालयों के माध्यम से जारी है।

इन सुविधाओं का सीएम ने किया शुभारंभ
– 7 करोड़ 17 लाख रुपये की लागत से सीटी स्कैन मशीन
– जेनेटिक मेडिसिन की ओपीडी
– पीडियाट्रिक्स आर्थोपेडिक्स की ओपीडी
– मिल्क बैंक
– माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सैम्पल कलेक्शन सेंटर
– पैथोलॉजी विभाग में फुली आटोमेटिक टिशु प्रोसेसर, फुली आटोमेटिक यूरिन एनालाइजर, 5 पार्ट सिमेक्स सीबीसी एनलाइजर तथा न्यू एडवांस टेक्नोलॉजी का हारमोन ट्यूमर मेकर डिडक्शन की एलाइनिटी मशीन की स्थापना
– आईएचसी पैनल के रेंज की वृद्धि का कार्य

इनका हुआ लोकार्पण

– 6 करोड़ 12 लाख 62 हजार रुपये की लागत से बर्न यूनिट की स्थापना
– 8 करोड़ 5 लाख 7 हजार रुपये की लागत से फार्मेसी कॉलेज का विस्तार निर्माण कार्य
– 2 करोड़ 67 लाख 79 हजार की लागत से नेशनल इमरजेन्सी लाइफ सपोर्ट लैब की स्थापना
– 11.25 लाख रुपये की लागत से लिथोट्रिप्सी मशीन
– 97 लाख 90 हजार रुपये की लागत से स्टेडियम की चहारदीवारी का निर्माण कार्य

इस परियोजना का सीएम योगी ने किया शिलान्यास
– 30 करोड़ 31 लाख 35 हजार रुपये की लागत से सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल में कार्यरत उपचारिकाओं हेतु 100 सीटेड छात्रावास का निर्माण कार्य

मेडिकल कॉलेज के लिए भुलाया नहीं जा सकता योगी जी का संघर्ष

लोकार्पण, शिलान्यास व जनहित की कई सुविधाओं के शुभारंभ समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत करते हुए विधायक महेंद्रपाल सिंह ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज को बचाने और इसे बेहतर बनाने के लिए सांसद के रूप में योगी जी द्वारा किए गए संघर्ष को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने प्रदेश में उत्कृष्ट हो रहे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की चर्चा करते हुए कहा कि सीएम योगी के विजन के अनुरूप वन डिस्ट्रिक्ट-वन मेडिकल कॉलेज का मिशन प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री (मत्स्य विकास) संजय निषाद, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, श्रीराम चौहान, राजेश त्रिपाठी, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, सरवन निषाद, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा पार्थसारथी सेन शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष दूबे, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल, भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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