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उत्तर प्रदेश

सोशल मीडिया पर अफवाह, ‘मुलायमवादी’ को मिला करारा जवाब

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गोरखपुर,। अपने बॉयो में समाजवादी, सेकुलर और मुलायमवादी बताने वाले सूर्या समाजवादी नामक के एक्स वेरिफाइड हैंडल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन को लेकर की गई तथ्यहीन और पूर्णतः गलत पोस्ट पर आम एक्स यूजर्स ने करारा जवाब दिया है। इन एक्स यूजर्स ने न सिर्फ सही तथ्यों को साझा कर गलत पोस्ट करने वाले को आईना दिखाया बल्कि कई ने यूपी पुलिस से भ्रामक पोस्ट करने वाले कथित समाजवादी-मुलायमवादी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग तक कर डाली।

रविवार सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर सूर्या समाजवादी के हैंडल से एक्स पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन के वीडियो पोस्ट कर लिखा गया, ‘सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में इसलिए जनता दर्शन करते है ताकि मुस्लिम न आ सके ? इस वीडियो में मुझे एक भी मुस्लिम महिला नही दिख रही है, ये संविधान के खिलाफ है। जनता दर्शन मंदिर या मस्जिद में नही होना चाहिए, हाईकोर्ट संज्ञान ले।’ इस पोस्ट से उसे उम्मीद रही होगी कि उसे बड़े पैमाने पर सपोर्ट मिलेगा पर सच्चाई से कोई वास्ता न रखने वाली इस टिप्पणी पर उक्त एक्स हैंडलर बुरी तरह ट्रोल हो गया। इस पोस्ट से इतर हकीकत यह है कि सीएम योगी के जनता दर्शन में मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, खासकर मुस्लिम महिलाएं। उन सभी की समस्या की मुख्यमंत्री न केवल बिना भेदभाव सुनवाई करते हैं बल्कि समाधान भी कराते हैं। कई बार तो जनता दर्शन में मुस्लिम समाज के लोग समस्या समाधान होने के बाद मुख्यमंत्री का आभार जताने पहुंचते हैं। यह सिलसिला योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने से पहले, उनके संसदीय कार्यकाल से ही जारी है। यही नहीं गोरखनाथ मंदिर परिसर में दुकानदारों और भ्रमण के लिए आने वाले लोगों में भी मुस्लिम समाज की भारी भागीदारी रहती है। गोरखनाथ मंदिर के बारे में तनिक भी जानकारी रखने वाले इस सच्चाई को जानते हैं।

सूर्या समाजवादी के एक्स हैंडल से आए इस झूठे पोस्ट पर आम एक्स यूजर्स की तरफ से बेहद तीखी प्रतिक्रिया आई। कई यूजर्स ने जनता दर्शन की उन तस्वीरों को पोस्ट कर आईना दिखाया जिसमें बड़ी संख्या में बुर्काधारी मुस्लिम महिलाएं सीएम योगी से मिलकर अपनी समस्या बता रही हैं। ऐसी ही एक तस्वीर पोस्ट करते हुए वरुण राज सिंह नाम के एक्स यूजर ने लिखा कि फेक न्यूज फैलाने और सरकार को बदनाम करने की कोशिश पर यूपी पुलिस को संज्ञान लेनी चाहिए। अंशुल, नवोदित, रितेश माहेश्वरी, सागर खंडेलवाल समेत अनेक एक्स यूजर्स ने भी यूपी पुलिस को टैग करते हुए लिखा कि गलत पोस्ट करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। ब्लू टिकधारी राजेश यादव ने लिखा, ‘किसी की आलोचना करनी है, वैचारिक विरोध करना है तो तथ्यों के साथ कर। फिर अगर किसी ने कार्यवाही कर दी तो चिल्लाओगे ना की जुल्म हो रहा है।’
एक अन्य ब्लू टिकधारी प्रवीण सिंह ने एक न्यूज चैनल की पुरानी स्टोरी शेयर करते हुए लिखा, ‘अगर मुस्लिम मंदिर में आ नही सकते, तो गोरखनाथ मंदिर में निर्माण कार्य प्रबंधक और कैशियर मोहम्मद यासीन कैसे हैं वो भी पिछले 40 साल से। समाजवादी लंपटो तुम्हारी झूठ बोलने की प्रवृत्ति कब जाएगी?’

खूब वायरल हुई थी सीएम योगी को फरियाद सुनाती मुस्लिम महिला की तस्वीर

जनता दर्शन में हर जाति-समुदाय के लोगों का आना, सीएम से मिलकर अपनी समस्या बताना और उनका समाधान हासिल करना आम बात है। अभी पिछले 22 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब गोरखपुर में थे तो गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में उनसे मिलकर समस्या बताने वालों में अच्छी खासी संख्या मुस्लिम महिलाओं की भी थी। तब सीएम से मिलकर फरियादी सुनाती बुर्काधारी मुस्लिम महिलाओं की फोटो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। यह फोटो एक्स और फेसबुक पर भी खूब पोस्ट हुए थे। इसी तरह 12 जुलाई को लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास (5, केडी मार्ग) पर हुए जनता दर्शन कार्यक्रम में भी बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने मुख्यमंत्री से मिलकर समस्या बताई थी और समाधान हासिल करने की तरफ बढ़ी थीं।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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