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उत्तर प्रदेश

मिशन शक्ति: बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सशक्त करेगी योगी सरकार

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लखनऊ। महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार अक्टूबर 2024 से ‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण की शुरुआत करने जा रही है। मई 2025 तक चलने वाले इस चरण में जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस दौरान 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा। पीएम श्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में में करियर काउंसलिंग के सत्र भी चलेंगे। इतना ही नहीं, योगी सरकार के निर्देश पर होने वाले कार्यक्रमों और गतिविधियों के दौरान 36,772 बालिकाओं में सेनेटरी पैड वितरित कर उनके स्वास्थ्य और विद्यालय पहुंचकर नियमित रूप से शिक्षा ग्रहण करने की राह आसान की जाएगी।

इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को आत्मरक्षा, जीवन कौशल और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। साथ ही, बालिका शिक्षा और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। मिशन शक्ति का यह चरण महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगा।

नवरात्र पर बालिकाओं में शक्ति का भाव भरेगी योगी सरकार

भारतीय संस्कृति में माँ दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए, ‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण के अंतर्गत नवरात्रि के दौरान, 3 से 10 अक्टूबर तक, विभिन्न विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनसे बालिकाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

बाल अधिकार, घरेलू हिंसा, गुड-टच, बैड-टच से परिचित होंगी बेटियां

प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के नेतृत्व में 3 से 10 अक्टूबर तक विद्यालयों में बाल अधिकार, घरेलू हिंसा, यौन शोषण, छेड़छाड़ और गुड-टच, बैड-टच जैसे मुद्दों पर बच्चों को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही रैलियों और रोचक गतिविधियों के माध्यम से हेल्पलाइन नंबर और बाल विवाह के खतरों की जानकारी भी दी जाएगी।

10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण

नवंबर 2024 से 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें।

167 विद्यालयों में मीना मेला और करियर काउंसलिंग सत्र

पीएम श्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में मीना मेला और करियर काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी।

माहवारी स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन पर जागरूकता

‘मिशन शक्ति’ के इस चरण में बालिकाओं को माहवारी स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक किया जाएगा। केजीबीवी की 79,000 बालिकाओं के लिए जलवायु परिवर्तन पर विशेष सत्र आयोजित होंगे और 36,772 बालिकाओं में सेनेटरी पैड वितरित किए जाएंगे।

कानूनी अधिकारों से परिचित होंगे नौनिहाल

अप्रैल-मई 2025 के दौरान बच्चों को उनके कानूनी अधिकारों, जैसे शिक्षा का अधिकार, पॉक्सो एक्ट, बाल विवाह और घरेलू हिंसा से संबंधित कानूनों के बारे में जागरूक किया जाएगा।

नियमित संचालित होने वाली गतिविधियाँ

1. बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता के लिए सेमिनार/वेबिनार: बालिका शिक्षा और इससे जुड़े स्थानीय मुद्दों पर नियमित सेमिनार और वेबिनार आयोजित किए जाएंगे।

2. बाल संसद और बाल सभा का आयोजन: विद्यालयों में बाल संसद और बाल सभा का आयोजन होगा, जहाँ बालक-बालिकाओं को समान जिम्मेदारियाँ दी जाएंगी।

3. माहवारी स्वच्छता पर चर्चा: उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियमित रूप से माहवारी स्वच्छता पर चर्चा होगी।

4. शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठकें: विधिक साक्षरता, पॉक्सो एक्ट और बाल विवाह जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठकें आयोजित होंगी।

5. महत्वपूर्ण दिवसों पर कार्यक्रम: बालिका दिवस और महिला दिवस पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, रैली, प्रभात फेरी और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

6. खेलकूद, गाइड और एनसीसी प्रशिक्षण: केजीबीवी की बालिकाओं को खेलकूद, गाइड और एनसीसी का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के अथक प्रयास से बीमारू से स्वस्थ प्रदेश बना यूपी

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में बीमारू प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद प्रदेश को स्वस्थ प्रदेश बनाने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज का संकल्प लिया। साढ़े सात वर्षों में निरंतर किए गए प्रयासों के चलते आज उनका संकल्प साकार होता दिखाई दे रहा है। जहां वर्ष 2017 के पहले प्रदेश के छात्रों को मेडिकल की डिग्री के लिए दूसरे राज्यों और विदेशों का रुख करना पड़ता था, वहीं आज उन्हे प्रदेश में ही मेडिकल की पढ़ाई करने की सुविधा मिल रही है। इससे न सिर्फ प्रदेश में पहले की अपेक्षा डॉक्टर्स की कमी दूर हुई है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार हुआ है। सीएम योगी के प्रयासों का ही नतीजा है कि प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों की तुलना में प्रदेश में मेडिकल कॉजेल की संख्या में दोगुने का इजाफा हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 78 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जबकि वर्ष 2017 में इनकी संख्या महज 39 थी। इसी तरह प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 108 प्रतिशत और पीजी की सीटों में 181 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

एमबीबीएस की 11,200 तो पीजी की 3,781 सीटोंं पर हो रहा दाखिला

मेडिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश की महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज के संकल्प की दिशा में लगातार काम हो रहा है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर मेडिकल कॉलेज की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-2017 में कुल 39 मेडिकल कॉलेज थे। इनमें 14 सरकारी और 25 प्राइवेट कॉलेज शामिल थे। वहीं योगी सरकार के अथक प्रयासों से पिछले साढ़े सात वर्षों में प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या में दोगुने का इजाफा हआ है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 78 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। इनमें 43 सरकारी और 35 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इतना ही नहीं, प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 108 प्रतिशत और पीजी की सीटों में 181 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वर्ष 2016-2017 में प्रदेश में एमबीबीएस की कुल सीटें 5,390 थी। इनमें एमबीबीएस की 1,840 सीटें सरकारी और 3550 सीटें प्राइवेट थीं। वहीं आज वर्ष 2024-25 में कुल सीटें 11,200 हैं। इनमें एमबीबीएस की कुल 5150 सरकारी सीटें और 6050 प्राइवेट सीटें शामिल हैं। इसी तरह पीजी की सीटों की बात करें तो वर्ष 2016-17 में 1,344 सीटें थी। इनमें सरकारी 741 और प्राइवेट की 603 सीटें शामिल हैं। वहीं आज वर्ष 2024-25 में इनकी कुल संख्या 3,781 हैं। इनमें सरकारी 1,759 और प्राइवेट की 2022 सीटें शामिल हैं।

बागपत, हाथरस और कासगंज में भी होगी मेडिकल कॉलेज की स्थापना

डीजीएमई किंजल सिंह ने बताया कि वर्तमान सत्र 2024-25 में प्रदेश के 12 स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय क्रमश: बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात और कौशांबी के कॉलेजों की 15 प्रतिशत सीटों को ऑल इंडिया कोटा के तहत काउंसिलिंग की प्रक्रिया चल रही है जबकि 85 प्रतिशत सीटों पर राज्य स्तरीय यूजी नीट प्रथम चक्र की काउंसिलिंग से अधिकांश पर आवंटन किया जा चुका है। वहीं सोनभद्र के मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने के लिए केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के समक्ष द्वितीय अपील योजित की गई। अमेठी में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण कार्य प्रगति पर चल रहा है। इसका निर्माण कार्य 34 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। वर्ष 2025-26 में 100 सीटों की लेटर ऑफ परमिशन प्राप्त करने के लिए एनएमसी, नई दिल्ली का पोर्टल खुलते ही आवेदन किया जाएगा। इसी तरह पीपीपी मोड के तहत मऊ में कल्पनाथ राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यहां पर एनएमसी के लेटर ऑफ परमिशन के लिए आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 में आवेदन किया जाएगा। इसके साथ ही पीपीपी मोड के वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) स्कीम के तहत बागपत, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए जल्द ही कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा।

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