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उत्तर प्रदेश

वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां

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वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।

बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।

दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।

स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

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उत्तर प्रदेश

अयोध्या में नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म कांड में डीएनए मैच न होने पर भड़के सपा सांसद अवधेश प्रसाद, भाजपा को बताया मुस्लिम विरोधी

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अयोध्या। अयोध्या में नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म कांड में आरोपी बनाए गए मोईद खान का डीएनए मैच न होने पर सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा मुसलमान होने के कारण मोईद खान को बदनाम करना चाहती थी इसलिए इस मामले को उठाया गया। भाजपा सरकार मुस्लिम विरोधी है। दलित विरोधी है। संविधान और गरीब विरोधी है। हमारे नेता अखिलेश यादव को पहले भी शक था इसलिए उन्होंने डीएनए टेस्ट की मांग की थी। अब सच सामने आ गया है।

बता दें कि दुष्कर्म कांड को लेकर कराई गई डीएनए जांच में सपा नेता मोईद खान के नौकर राजू के साथ पीड़िता की डीएनए रिपोर्ट मैच हो गई है। हालांकि सपा नेता के साथ पीड़िता का डीएनए मैच नहीं हुआ, लेकिन सामूहिक दुष्कर्म के मामले में किसी एक आरोपी के साथ रिपोर्ट मैच हो जाने से अपराध की पुष्टि होती है। मेडिकल साइंस से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार यदि एक आरोपी 70 वर्ष का है और दूसरा 25 वर्ष का तो युवा आरोपी से डीएनए मैच होने की संभावना अधिक होती है।

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