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उत्तर प्रदेश

पिछड़े वर्ग के युवाओं के लिए द्वितीय चरण का कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू

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लखनऊ। योगी सरकार द्वारा प्रदेश के पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना के द्वितीय चरण की शुरुआत की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत ‘ओ’ लेवल और ट्रिपल सी’ कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे पिछड़े वर्ग के युवाओं को डिजिटल युग में रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।

पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि सरकार का यह प्रयास है कि पिछड़े वर्ग के युवाओं को तकनीकी कौशल प्रदान कर उन्हें रोजगार योग्य बनाया जाए। कम्प्यूटर प्रशिक्षण से यह युवक-युवतियां अपनी क्षमता को निखार सकेंगे, जिससे वे आत्मनिर्भर होकर समाज में आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना और युवाओं को वैश्विक तकनीकी मानकों के अनुरूप तैयार करना है।

इण्टरमीडिएट पास छात्रों को मिलेगा अवसर

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की निदेशक डॉ. वंदना वर्मा ने बताया कि यह प्रशिक्षण उन पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवाओं के लिए है, जिन्होंने इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की हो और जिनके माता-पिता की वार्षिक आय एक लाख रुपये तक हो।

10 अक्टूबर तक कर सकेंगे आवेदन

आवेदक 10 अक्टूबर 2024 से 30 अक्टूबर 2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://www.backwardwelfareup.gov.in या कम्प्यूटर प्रशिक्षण पोर्टल https://obccomputertraining.upsdc.gov.in पर जाकर किया जा सकता है।

प्राप्त आवेदनों की जिला स्तर पर जाँच और सत्यापन के बाद योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। यह प्रक्रिया 25 अक्टूबर से 14 नवंबर 2024 तक पूरी होगी। चयनित अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण 15 नवंबर 2024 से शुरू होगा।

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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