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प्रादेशिक

ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसा: छात्रों की मौत के मामले में CBI ने कोर्ट में दाखिल की सील कवर रिपोर्ट

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नई दिल्ली। दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसे में 3 छात्रों की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई ने सील बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट को सौंप दिया है. कोर्ट सीबीआई की मांग पर जांच पूरी करने की समय सीमा को बढ़ा दिया है. साथ कोर्ट ने सीवीसी को जांच की निगरानी करने को कहा है. मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यह बहुत गंभीर और दुर्लभ मामला है. कोर्ट 18 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. इससे पहले कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने से रोकने की मांग वाली अर्जी को खारिज कर दिया था.

बता दें कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सर्किल कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी में अचानक बारिश का पानी भरने से एर्नाकुलम निवासी 23 वर्षीय नवीन दलविन, उत्तर प्रदेश की 25 साल की श्रेया यादव और तेलंगाना की 25 वर्षीय तान्या सोनी की मौत हो गई थी। घटना के बाद बेसमेंट को सील कर दिया गया था। इस हादसे के बाद काफी हंगामा और प्रदर्शन देखने को मिला था

राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेद्र नगर हादसे के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट सभी पक्षों दलीलों को सुनने के बाद हादसे की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि CVC का वरिष्ठ अधिकारी जांच की निगरानी करेगा। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दिल्ली एमसीडी को फटकार भी लगाई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि MCD के साथ समस्या यह है कि कोर्ट के समय समय पर आदेश देने के बावजूद वो आदेश लागू नहीं होता

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नेशनल

हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक, कांग्रेस को भारी पड़ी गुटबाजी

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सुबह 8 बजे जब EVM खुलीं तो काँग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश हाई था .. जैसे जैसे घड़ी की सुई आगे बढ़ती गई कार्यकर्ताओं का जोश नाच गाने और लड्डू बांटने में तब्दील हो गया.. लेकिन ये क्या अचानक से वक्त बदल गया हालात बदल गए और देखते देखते जज़्बात ठंडे पड़ गए .. हरियाणा में जो काँग्रेस रुझानों में पूर्ण बहुमत में दिख रही थी वो अर्श से फर्श पर आ गई और जो बीजेपी फर्श पर पड़ी थी वो अर्श पर पहुँच गई. अब जोश वही था लेकिन हालात और जज़्बात अपनी जगह बदल चुके थे.. अब ढोल की गूंज बीजेपी ऑफिस पहुँच चुकी थी और लड्डू बीजेपी कार्यकर्ताओं का मुंह मीठा कर रहे थे .लोकसभा चुनाव की तरह हरियाणा के नतीजों ने भी चुनावी पंडितों को मुंह छिपाने के लिए मजबूर कर दिया.. सारे  पोल धाराशाई हो गए.. बीजेपी का कमल पूरे बहुमत के साथ खिल गया.. काँग्रेस के मुख्यालय 24 अकबर रोड के जिस कमरे में कौन बनेगा हरियाणा का मुख्यमंत्री पर चर्चा हो रही थी वहाँ का माहौल गमगीन हो गया और इस बात पर चर्चा होने लगी इस हार का बलि का बकरा कौन बनेगा.. 10 साल की एंटी इनकंबेंसी को बीजेपी की रणनीति ने प्रो इनकंबेंसी में बदल कर तीसरी बार सत्ता में वापसी कर ली. जान लेते हैं वो कौन सी वजहें थीं जिसने हरियाणा में कांग्रेस की नैया डुबाने का काम किया है.

गुटबाजी कांग्रेस को भारी पड़ी

हरियाणा चुनाव प्रचार के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस के अंदर चल रही गुटबाजी की होती रही. कुमारी शैलजा और हुड्डा के साथ एक खेमा रणदीप सिंह सुरजेवाला का भी था. ऊपर के नेताओं के बीच की इस खींचतान ने संगठन को नुकसान पहुंचाने का काम किया और कार्यकर्ताओं के अंदर भी असमंजस की स्थिति बनी रही. तमाम कोशिशों के बाद भी कांग्रेस आलाकमान प्रदेश में खेमेबाजी पर लगाम लगाने में नाकामयाब रहा और पार्टी जीती हुई लड़ाई हार गई।

एंटी इनकंबेंसी को भुनाने में रही नाकामयाब

काँग्रेस अपनी अंदरूनी खींचतान से ही नहीं उबर पाई जिससे चुनाव प्रचार के दौरान काँग्रेस बीजेपी की गलतियों को भुनाने में नाकामयाब रही . हालांकि कांग्रेस के पास 10 साल की एंटी इनकंबेंसी,  मुख्यमंत्री बदलने जैसे मुद्दे थे. पहलवानों का प्रदर्शन और अग्निवीर योजना से लेकर किसान आंदोलन जैसे बड़े मुद्दों को प्रचार के दौरान ठीक से हवा नहीं दी जा सकी. लिहाजा पार्टी का पूरा ध्यान खेमेबाजी पर लगाम लगाने में ही रहा और इसका बीजेपी ने पूरा फायदा उठाया.

केजरीवाल की बेल ने बिगाड़ा खेल

चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल जेल से बाहर आए तो गठबंधन के लिहाज से काफी देर हो चुकी थी .. केजरीवाल खुलकर हरियाणा के चुनावी मैदान में उतार चुके थे लेकिन आम आदमी पार्टी के साथ अगर काँग्रेस का गठबंधन होता तो शायद तस्वीर अलग होती.

टिकट बंटवारे में दिखी गुटबाजी

टिकट बंटवारे में गुटबाजी और भाई भतीजाबाद को अलग रखकर सिर्फ विनिंग उम्मीदवारों को ही प्राथमिकता दी जाती, तो भी नतीजे उलट सकते थे. आम आदमी पार्टी को भले ही किसी सीट पर जीत न मिली हो, लेकिन करीबी मुकाबले वाली सीटों पर उसने कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाने का काम किया है…

एस एन द्विवेदी के साथ शिखा मेहरोत्रा की रिपोर्ट

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