उत्तर प्रदेश
महाकुंभ के दौरान कोई नहीं रहेगा बिना छत, सबको मिलेगा आसरा
प्रयागराज। सनातन आस्था के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ को लेकर योगी सरकार व्यापक पैमाने पर तैयारियों को अंजाम दे रही है। इस महाआयोजन के दौरान तीर्थराज प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों की सुविधाओं और सेवाओं का ध्यान रखा जा रहा है। उनके रहने, खाने-पीने और संगम स्नान के लिए तमाम व्यवस्थाओं को सुगम बनाने के लिए योगी सरकार ने तैयारियों को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में महाकुंभ के दौरान प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को खुली छत के नीचे न सोना पड़े, इसके लिए पूरे प्रयागराज में रैन बसेरा स्थापित किए जाने की योजना है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी प्रगति पर है। मेला क्षेत्र के साथ ही पूरे प्रयागराज में कुल 35 रैन बसेरा स्थापित किए जाएंगे। इन रैन बसेरा में श्रद्धालुओं के साथ-साथ गरीब और बेसहारा लोगों को भी आश्रय मिलेगा।
निशुल्क मिलेगा आश्रय
प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर योगी सरकार पूरे प्रयागराज में व्यापक तैयारियों में जुटी हुई है। महाकुंभ में देश ही नहीं बल्कि सनातन धर्म में आस्था रखने वाले दुनिया भर के श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है। 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के इस महाआयोजन में सम्मिलित होने का अनुमान है। ऐसे में इस बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की हर सुख सुविधा के लिए योगी सरकार तत्परता से कार्य कर रही है। ऐसे में वो श्रद्धालु जो प्रयागराज आएंगे और उन्हें रात में रुकने का कोई स्थान नहीं मिलेगा तो वो शहर में स्थापित किए जा रहे रैन बसेरा में निशुल्क आश्रय प्राप्त कर सकेंगे। इन रैन बसेरा में उन्हें न सिर्फ सर छुपाने के लिए छत मिलेगी, बल्कि सर्दी के मौसम में बिस्तर और कंबल की सुविधा भी प्राप्त होगी।
85 लाख रुपए किए जाएंगे खर्च
प्रयागराज नगर निगम की ओर से पूरे प्रयागराज शहर में रैन बसेरा स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए बाकायदा टेंडर जारी कर वेंडर्स को आमंत्रित किया गया है। इस पर प्राइमरी बिड के रूप में नगर निगम की ओर से करीब 85 लाख रुपए की राशि निर्धारित की गई है। वेंडर्स के चयन के बाद रैन बसेरा स्थापित करने की प्रक्रिया को युद्ध स्तर पर शुरू किया जाएगा, ताकि महाकुंभ से पहले ही इसकी स्थापना हो जाए और महाकुंभ के दौरान या उससे पहले आने वाले श्रद्धालुओं को इसका लाभ मिल सके। श्रद्धालुओं के साथ ही इन रैन बसेरा गरीब और बेसहारा लोगों को भी मिल सकेगा।
5 रैन बसेरा महिलाओं को समर्पित
नगर निगम के मुख्य अभियंता सतीश कुमार के अनुसार, प्रयागराज शहर में कुल 35 अस्थाई रैन बसेरा निर्मित किए जाने का प्रस्ताव है। इसमें 30 अस्थाई रैन बसेरा के साथ ही 5 अस्थाई रैन बसेरा पिंक शेल्टर होम हैं जो महिलाओं को समर्पित होंगे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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