उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में संलग्न स्वच्छताकर्मियों और नाविकों को मिलेगा स्वच्छता मित्र सुरक्षा बीमा का लाभ
प्रयागराज। महाकुम्भ 2025 को सीएम योगी के विजन के मुताबिक स्वच्छ और स्वस्थ महाकुम्भ बनाने का मिशन रखा गया है। महाकुम्भ से स्वच्छता और ग्रीन महाकुम्भ का संदेश पूरे विश्व में प्रसारित करना है। इस दिशा में मेला प्राधिकरण प्रयागराज जहां एक ओर 1.5 लाख शौचालय स्थापित कर रहा हैं तो वही दूसरी ओर दस हजार से अधिक स्वच्छताकर्मी पूरे मेले के दौरान कार्यरत रहेंगे। सीएम योगी की पहल पर महाकुम्भ के स्वच्छताकर्मियों के स्वास्थ्य और जीवन सुरक्षा के लिए स्वच्छता मित्र सुरक्षा बीमा योजना लागू की गई है। जिसके तहत महाकुम्भ में संलग्न सभी स्वच्छताकर्मियों और नाविकों को 2 लाख रुपए की जीवन बीमा योजना से जोड़ा जाएगा। योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अपने हाथों से स्वच्छताकर्मियों को स्वच्छता मित्र बीमा योजना का सार्टिफिकेट दे कर करेंगे।
सीएम योगी अपने हाथों से देंगे स्वच्छता मित्र योजना के सार्टिफिकेट
महाकुम्भ 2025 के दिव्य-भव्य आयोजन में स्वच्छता और स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही स्वच्छता कार्यों में जुटे सफाईकर्मियों का भी खास ध्यान रखा गया है। महाकुम्भ में स्वच्छ कुम्भ कोष के माध्यम से स्वच्छताकर्मियों के बच्चों के लिए मेला क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय चलाया जा रहा है। साथ ही पहली बार महाकुम्भ में संलग्न स्वच्छताकर्मियों और नाविकों को स्वच्छता मित्र सुरक्षा बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा। कुम्भ मेला विशेष कार्यकारी अधिकारी आकांक्षा राणा ने बताया कि महाकुम्भ में कार्यरत सभी स्वच्छताकर्मियों और नाविकों को 2 लाख रूपये की सुरक्षा बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा। जिसके प्रीमियम की राशि स्वच्छ कुम्भ कोष से दी जाएगी, जिसकी बीमा अवधि 6 वर्ष के लिए है।
सीएम योगी करेंगे स्वच्छता वाहनों का लोकार्पण और स्वच्छता कर्मियों की रैली को दिखायेंगे हरी झण्डी
महाकुम्भ मेला विशेषकार्यधिकारी आकांक्षा राणा ने बताया कि स्वच्छता मित्र सुरक्षा योजना का शुभारंभ सीएम योगी के प्रयागराज आगमन पर अपने हाथों से स्वच्छताकर्मियों को बीमा योजना का सार्टिफिकेट देकर करेंगे। महाकुम्भ में कार्यरत सभी स्वच्छताकर्मियों और नाविकों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य और सुरक्षा सीएम योगी की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि सीएम महाकुम्भ मेला क्षेत्र में आगमन पर महाकुम्भ में स्वच्छता वाहनों का लोकार्पण करेंगे। साथ ही स्वच्छता कर्मियों की रैली को हरी झण्डी भी दिखाएगें।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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