Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

नींद के कारण गलती से हुआ 1990 करोड़ से ज्यादा ट्रांसफर, जानें पूरी रिपोर्ट

Published

on

Loading

जर्मनी। जर्मनी में लगभग 12 साल पहले एक बैंक में ऐसा अजीबोगरीब वाकया हुआ था जिसने सभी को हैरान कर दिया है। एक कर्मचारी काम के दौरान कंप्यूटर के की-बोर्ड पर उंगली दबाए हुए सो गया। इस गलती के कारण एक शख्स को 64.20 यूरो की जगह 222 मिलियन यूरो (करीब 1990 करोड़ रुपये से ज्यादा) ट्रांसफर हो गए। गनीमत रही कि एक अन्य कर्मचारी ने समय रहते इस गलती को पकड़ लिया जिसके बाद ट्रांजैक्शन को रोक दिया गया।

शुरू हुई कानूनी लड़ाई

यह घटना साल 2012 की है जो अब इंटरनेट पर वायरल हो रही है। मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही है क्लर्क की इस गलती पर सुपरवाइजर ने भी ध्यान नहीं दिया और इस ट्रांजैक्शन को अप्रूव कर दिया। ट्रांजैक्शन की जांच करने की जिम्मेदारी सुपरवाइजर की थी लिहाजा बैंक ने इस बड़ी गलती के लिए उसे जिम्मेदार ठहराते हुए नौकरी से निकाल दिया। मामला जर्मनी की लेबर कोर्ट तक पहुंचा और मामले में कानूनी लड़ाई शुरू हुई।

अदालत ने सुनाया फैसला

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जर्मनी के हेस्से स्टेट की लेबर कोर्ट की ओर से इस मामले में आदेश दिया गया। कोर्ट ने बैंक द्वारा कर्मचारी को नौकरी से निकालने के फैसले को गलत बताया। कोर्ट ने कहा कि यह गलती क्लर्क ने जानबूझकर नहीं की थी। अदालत की ओर से यह भी कहा गया कि कर्मचारी ने भले ही अपनी गलती पर ध्यान नहीं दिया लेकिन उसके कार्यों के लिए उसे बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने यह भी कहा

कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्मचारी पर समय का बहुत दबाव था, वह रोजाना सैकड़ों लेन-देन की समीक्षा करता था। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का भी जिक्र किया कि 222 मिलियन यूरो के गलत ट्रांजैक्शन वाली घटना के दिन कर्मचारी ने 812 डॉक्युमेंट्स को संभाला था और हर डॉक्युमेंट पर वो महज कुछ सेकेंड का समय ही दे पा रहा था। अदालत ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि कर्मचारी की ओर से जानबूझकर की गई लापरवाही का कोई सबूत नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बर्खास्तगी के बजाय औपचारिक चेतावनी ही पर्याप्त थी।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में पहली बार कोई हिंदू बना पुलिस अफसर, कौन है वो लड़का जिसकी हो रही चर्चा

Published

on

Loading

लाहौर। पाकिस्तान में पहली बार कोई हिंदू पुलिस अफसर बना है। राजेंद्र मेघवार को ये गौरव मिला है। बता दें कि पाकिस्तान पुलिस की स्थापना के बाद से यह पहली बार है कि किसी हिंदू अधिकारी को इस तरह के पद पर नियुक्त किया गया है। राजेंद्र मेघवार ने शुक्रवार 6 दिसंबर को फैसलाबाद के गुलबर्ग इलाके में ASP के रूप में अपना कार्यभार संभाला। पाकिस्तान में किसी हिंदू का पुलिस में अधिकारी बनना काफी मुश्किल है। ऐसे में जब राजेंद्र मेघवार पुलिस अधिकारी बने तो वो चर्चाओं में आ गए।

कौन हैं राजेंद्र मेघवार?

राजेंद्र मेघवार पाकिस्तान में एक हिंदू अधिकारी हैं, जिनकी मेहनत ने उन्हें सफलता दिलाई है। उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास करके सफलता हासिल की। ​​अल्पसंख्यक समुदाय से होने के बावजूद उन्होंने अपने सपने को हासिल किया। पुलिस अधिकारी बनने की उनकी यात्रा में कई बाधाएं आई। मीडिया रिपोर्ट बताती हैं कि राजेंद्र पाकिस्तान के सिंध के ग्रामीण इलाके बदीन से हैं। उन्होंने अपनी लगन और कड़ी मेहनत से इन बाधाओं को पार किया।

पाकिस्तान पुलिस में पहली बार अहम पद पर हिंदू

राजेंद्र मेघवार की नियुक्ति को पुलिस बल में उनके सहयोगियों द्वारा भी सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है। यह पहला मौका है कि फैसलाबाद में किसी हिंदू अधिकारी को इतने महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि राजेंद्र मेघवार की उपस्थिति न केवल कानून और व्यवस्था में सुधार करेगी, बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों की चिंताओं को भी दूर करेगी, जिससे फोर्स में लोगों का भरोसा बढ़ेगा। वरिष्ठ अधिकारी उनकी नियुक्ति पर गर्व महसूस कर रहे हैं और इस बात पर जोर दे रहे हैं कि एक हिंदू अधिकारी के रूप में उनकी मौजूदगी अल्पसंख्यक समुदायों के साथ संबंधों को भी मजबूत करेगी।

Continue Reading

Trending