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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ नगर: पीएम मोदी ने किया 5500 करोड़ की 167 परियोजनाओं का शुभारंभ

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महाकुम्भ नगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 5500 करोड़ की 167 परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इसमें यात्री सुविधाओं के लिए रेलवे स्टेशनों के अपग्रेडेशन और डेवलपमेंट के साथ-साथ आरओबी फ्लाईओवर, सड़कों का चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और सौंदर्यीकरण की प्रमुख परियोजनाएं सम्मिलित रहीं। इसके अतिरिक्त, स्थायी घाटों, रिवर फ्रंट, सीवरेज, पेयजल सुविधाओं के साथ विद्युत आपूर्ति से जुड़ी परियोजनाओं का भी शुभारंभ हुआ। इन सभी परियोजनाओं के माध्यम से न सिर्फ श्रद्धालुओं को महाकुम्भ के दौरान सुविधा का लाभ प्राप्त होगा, बल्कि प्रयागवासी महाकुम्भ के बाद इन सभी सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे। यह परियोजनाएं प्रयागराज को प्रगति की नई दिशा दिखाएंगी।

इन विकास परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण

– 1610 करोड़ से यात्री सुविधाओं के लिए 9 रेलवे स्टेशनों का उन्नयन एवं विकास
– 1376 करोड़ से 61 सड़कों का चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण
– 1170 करोड़ से 10 आरओबी फ्लाईओवर
– 100 करोड़ से 4 नालों का अवरोधन, दिशा परिवर्तन एवं सुदृढ़ीकरण
– 304 करोड़ से 7 स्थायी घाटों एवं 8 नदी तट सड़कों का सुदृढ़ीकरण
– 215 करोड़ से 13 सीवरेज परियोजनाओं का उन्नयन, पेयजल सुविधाओं का विकास
– 203 करोड़ से 4 नए ट्रांसफॉर्मर, 2 सब स्टेशनों की स्थापना एवं विद्युत ढांचे का उन्नयन

इन प्रमुख कॉरिडोर का भी हुआ शुभारंभ

अक्षयवट कॉरिडोर : अक्षयवट, जिन्हें पुराणों में तीर्थराज प्रयागराज का क्षत्र कहा गया है। मान्यता है कि अक्षयवट का क्षय प्रलयकाल में भी नहीं होता। इनके दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है। त्रेतायुग स्वयं प्रभु श्रीराम ने माता सीता और लक्ष्मणजी के साथ अक्षयवट के दर्शन किए थे।

सरस्वती कूप : प्रयागराज की पुराणों में महिमा पुण्य पावन मां गंगा, यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के त्रिवेणी संगम का होना बताई जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार सरस्वती कूप वह पुण्य स्थान है, जहां आज भी मां सरस्वती के दुर्लभ दर्शन संभव हैं।

बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर : प्रयागराज संगम तट पर बड़े हनुमान या लेटे हनुमानजी का प्रसिद्ध मंदिर है। बड़े हनुमानजी का मंदिर पातालपुरी में अहिरावण का वध कर प्रभु श्रीराम और लक्ष्मणजी को उसकी कैद से मुक्त कराने वाले संकटमोचक हनुमानजी विशाल सिद्ध प्रतिमा है। सैकड़ों वर्षों से कोटि-कोटि श्रद्धालु उनका दर्शन और पूजन करते हैं।

भारद्वाज ऋषि आश्रम कॉरिडोर : ऋगवेद की ऋचाओं के द्रष्टा ऋषि भरद्वाज का आश्रम प्रयागराज में अवस्थित है। रामायण में वर्णन है कि प्रभु श्रीराम वनगमन के पहले मात सीता और लक्ष्मणजी के साथ भरद्वाज ऋषि का आशीर्वाद और मार्गदर्शन लेने आये थे। भरद्वाज आश्रम में रामायण काल में हजारों छात्र अध्ययन करते थे, मान्यता है कि ये विश्व का सबसे पहला विश्वविद्यालय माना जाता है।

श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर : श्रृंगवेरपुर का नाम इस क्षेत्र में श्रृंगी ऋषि की तपोस्थली होने के कारण पड़ा है। रामायण में इस क्षेत्र का वर्णन प्रभु श्रीराम और उनके बालसखा निषादराज के मिलन स्थल के रूप में भी है। यहां से ही केवट निषादराज ने प्रभु श्रीराम को नाव से गंगा पार करा कर प्रयागराज पहुंचाया था।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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