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नेशनल

जयपुर हादसे में अब तक 14 की मौत, बुरी तरह जले शवों का होगा DNA टेस्ट

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जयपुर में शुक्रवार सुबह दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने हुए भीषण हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। इस भीषण दुर्घटना में कई मृतकों के शव इतनी बुरी तरीके से जल गए हैं कि उनकी पहचान तक नहीं हो पा रही है। ऐसे शवों की पहचान के लिए सरकार ने डीएनए टेस्ट करने का फैसला लिया है। मृतकों के DNA सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल की मोर्चरी से टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आग में जो बस जलकर खाक हो गई है, उसका परमिट 16 महीने पहले ही एक्सपायर हो चुका था।

बता दें कि शुक्रवार को एक ट्रक ने केमिकल से भरे टैंकर को टक्कर मार दी थी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि टैंकर फट गया और केमिकल चारों ओर फैल गया और आग लग गई। इस हादसे में 30 लोग झुलस गए। अजमेर हाईवे पर हुए इस हादसे में 20 से ज्यादा वाहन आग की चपेट में आ गए थे। टैंकर के पीछे चल रही स्लीपर बस भी जलकर खाक हो गई थी।

घटना की जानकारी मिलने के तुरंत बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एसएमएस अस्पताल पहुंचे और घायलों की स्थिति के बारे में डॉक्टरों से जानकारी ली थी। जयपुर के अजमेर रोड पर हुए भीषण हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुख जताया था। पीएम मोदी ने हादसे में जान गंवाने वाले परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हादसे पर दुख जताते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, ”जयपुर में हुई सड़क दुर्घटना के कारण अनेक लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु प्रार्थना करती हूं। उनके परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी शोक संवेदनाएं। मेरी प्रार्थना है कि घायल हुए लोग शीघ्र ही स्वस्थ हों।’

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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