अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में मिला 28 लाख तोला सोना, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 600-700 अरब पाकिस्तानी रुपये
नई दिल्ली। पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने मंगलवार को दावा किया कि उसने प्रांत में 700 अरब पाकिस्तानी रुपये से अधिक मूल्य के ‘‘सोने के बड़े भंडार’’ का पता लगाया है. पंजाब के खान एवं खनिज मंत्री सरदार शेर अली गोरचानी ने कहा, ‘‘हमने पंजाब के अटक जिले में 28 लाख तोला सोना खोजा है.’’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पिछले साल अटक में सोने के भंडार पर एक अध्ययन शुरू किया था और वहां भारी मात्रा में सोना होने का पता लगाया था.
मंत्री ने दावा किया, ‘‘अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भंडार की कीमत 600-700 अरब पाकिस्तानी रुपये है.’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने सोने के भंडार की नीलामी के लिए नियम बना दिए हैं और यह प्रक्रिया एक महीने में शुरू हो जाएगी. पाकिस्तान के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इस संबंध में अटक में 127 स्थलों पर नमूना संग्रह किया है.
पाकिस्तान की स्थिति अब हो जाएगी बेहतर!
ऐसा कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति अब थोड़ी सुधर सकती है. अगर किसी देश की करेंसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर है, तो सोने का भंडार उस देश की क्रय शक्ति और उसकी आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में मदद करता है. 1991 में जब भारत की इकोनॉमी डूब रही थी और उसके पास सामान इम्पोर्ट करने के लिए डॉलर नहीं थे तो उसने सोने को गिरवी रख पैसे जुटाए थे और इस फाइनेंशियल क्राइसिस से बाहर आया था.
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दक्षिण अफ्रीका की सोने की खदान में फंसे 500 मजदूर, 100 की मौत
दक्षिण अफ्रीका। दक्षिण अफ्रीका की अवैध खदान में 100 मजदूरों की मौत के मामले ने सभी को झकझोर दिया है. खदान में फंसे ये मजदूर कई महीनों से भूख और प्यास से जूझ रहे थे. दक्षिण अफ्रीका के स्टिलफोंटेन शहर के निकट बफेल्सफोंटेन में स्थित सोने की खदानों में लगभग 100 मजदूर फंसे हुए थे. इन्हें बाहर निकालने के दौरान पता चला कि भूख और प्यास के कारण उनकी मौत हो चुकी है. इस घटना से जुड़ी जानकारी मजदूरों की ओर से मोबाइल फोन के जरिए भेजे गए वीडियो से मिली, जिसमें प्लास्टिक में लिपटे शव दिखाए गए हैं.
माइनिंग अफेक्टेड कम्युनिटीज यूनाइटेड इन एक्शन ग्रुप के मुताबिक राहत कार्य में अब तक 26 मजदूरों को जीवित बाहर निकाला जा चुका है और 18 शवों को भी बाहर लाया गया है. हालांकि, यह खदान इतनी गहरी है कि वहां अभी भी लगभग 500 मजदूर फंसे हो सकते हैं. खदान की गहराई 2.5 किमी बताई जा रही है.
पुलिस और मजदूरों के बीच गतिरोध
पुलिस की ओर से खदान को सील करने के प्रयास के बाद मजदूरों और पुलिस के बीच संघर्ष शुरू हो गया. पुलिस का कहना है कि मजदूर गिरफ्तारी के डर से बाहर नहीं आ रहे थे, जबकि मजदूरों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी रस्सियां हटा दीं, जिससे वे बाहर नहीं निकल सके.
भूख और प्यास से मौत
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पहली मौत का कारण भूख बताया गया है. खदान में भोजन और पानी की सप्लाई बंद होने से सभी मजदूरों की मौत हुई है. मजदूरों की मौत ने खदान की सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
अवैध खनन का चलन
दक्षिण अफ्रीका में अवैध खनन एक आम समस्या है. बड़ी कंपनियां जब खदानों को बेकार समझ कर छोड़ देती हैं तो स्थानीय खनिक वहां बचा हुआ सोना निकालने की कोशिश करते हैं. यह खतरनाक स्थिति उनके जीवन के लिए खतरा बन जाती है.
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