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प्रादेशिक

सीएम नीतीश ने पटना के होटल ताज में स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव 3.0 का उद्घाटन किया

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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 24 जनवरी 2025 को पटना के होटल ताज में स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव 3.0 का उद्घाटन किया। इस आयोजन ने खेल क्षेत्र में बिहार की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ देश के प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को सम्मानित कर खेल संस्कृति को प्रोत्साहन देने का काम किया।

कार्यक्रम की शुरुआत खेल विभाग द्वारा राज्य में खेलों के विकास और खिलाड़ियों की उपलब्धियों पर आधारित वृतचित्र प्रस्तुत करके की गई। मुख्यमंत्री ने इसे सराहते हुए कहा कि बिहार में खेल प्रतिभाओं को पहचान देने और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।

कॉन्क्लेव में देश-विदेश में अपनी पहचान बनाने वाले प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को शाल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने इन खिलाड़ियों को प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि उनकी सफलता नई पीढ़ी को खेलों के प्रति उत्साहित करेगी।

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उत्तराखंड

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, इस मौके पर क्या बोले सीएम धामी

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देहरादून: उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। UCC के लागू होने से विशेष तौर पर सभी धर्मों की महिलाओं को एक समान अधिकार मिलेंगे।

UCC पोर्टल और नियम लॉन्च के मौके पर क्या बोले सीएम?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल और नियम लॉन्च पर कहा, ‘आज उत्तराखंड में UCC लागू करके हम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज इसी क्षण से उत्तराखंड में UCC पूर्ण रूप से लागू हो गया है। आज से सभी धर्म की महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मैं समस्त उत्तराखंड वासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उन्हीं के मार्गदर्शन में आज हम यह कानून राज्य में लागू करने में सफल हुए हैं।

उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा?

यूसीसी लागू होने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।

किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।

हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।

सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।

उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी।

एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।

जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।

लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।

लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।

लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा।

यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है।

 

 

 

 

 

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