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नेशनल

अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ ने फहराया तिरंगा, जवानों को बांटी मिठाई

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नई दिल्ली। आज 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर अटारी-वाघा बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल द्वारा तिरंगा झंडा फहराया गया। इस मौके पर बीएसएफ कमांडेंट हर्ष नंदन जोशी ने सभी नागरिकों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। कमांडेंट हर्ष नंदन जोशी ने जवानों को मिठाई खिलाई और उनका मुंह मीठा कराया। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी को भी देश की सुरक्षा व्यवस्था से छेड़छाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी, चाहे वह पड़ोसी देश ही क्यों न हो। उन्होंने यह भी कहा कि बीएसएफ के जवान उनके परिवार के सदस्य जैसे हैं।

चेन्नई के मरीना बीच पर गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन भी मौजूद हैं। बता दें, इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह का विषय स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास है, जिसका उद्देश्य देश की प्रगति और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करना है।

कोयंबटूर जिले के कलेक्टर क्रांतिकुमार पाडी ने वी.ओ.सी मैदान में ध्वजारोहण किया। झंडा फहराने के बाद उन्होंने रंग-बिरंगे गुब्बारे और कबूतर आसमान में छोड़े, जो समारोह को और भी खास बना दिया। इसके बाद जिलाधिकारी ने पुलिस की सलामी स्वीकार की और शहीदों के परिजनों को श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह में स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा कलात्मक प्रस्तुतियां दी गईं, जो पूरे कार्यक्रम का आकर्षण रहीं।

वहीं मुंबई के मीरा भायंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय के परिमंडल 3 के प्रांगण में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में डीसीपी जयंत बजबले ने झंडा फहराया। कार्यक्रम में विभिन्न पुलिस स्टेशनों के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक और स्थानीय स्कूलों के छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे। सभी ने मिलकर इस अवसर पर देशभक्ति का उत्सव मनाया और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान व्यक्त किया। समारोह के दौरान डीसीपी ने पुलिसकर्मियों और नागरिकों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महल स्थित केंद्रीय कार्यालय में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व महानगर संघचालक राजेश लोया ने किया। वहीं झंडा फहराने के बाद राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई और सभी उपस्थित लोगों ने देश की एकता और अखंडता की शपथ ली। कार्यक्रम में संघ के अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी उपस्थित हुए।

 

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उत्तराखंड

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, इस मौके पर क्या बोले सीएम धामी

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देहरादून: उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। UCC के लागू होने से विशेष तौर पर सभी धर्मों की महिलाओं को एक समान अधिकार मिलेंगे।

UCC पोर्टल और नियम लॉन्च के मौके पर क्या बोले सीएम?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल और नियम लॉन्च पर कहा, ‘आज उत्तराखंड में UCC लागू करके हम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज इसी क्षण से उत्तराखंड में UCC पूर्ण रूप से लागू हो गया है। आज से सभी धर्म की महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मैं समस्त उत्तराखंड वासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उन्हीं के मार्गदर्शन में आज हम यह कानून राज्य में लागू करने में सफल हुए हैं।

उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा?

यूसीसी लागू होने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।

किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।

हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।

सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।

उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी।

एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।

जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।

लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।

लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।

लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा।

यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है।

 

 

 

 

 

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