देहरादून। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में गौरीगंगा नदी पर सिरकरी भ्योल रूपसियाबाग जलविद्युत परियोजना को केंद्र की मंजूरी मिल गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्य के विकास के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। परियोजना से स्थानीय रोजगार और बुनियादी ढांचे को समर्थन मिलेगा, जिससे पलायन को रोकने में मदद होगी।
इस परियोजना को पर्यावरण संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। लगभग एक किलोमीटर की सुरंग और अधिकांश बुनियादी ढाँचे को भूमिगत करने की योजना के साथ, वन भूमि पर प्रभाव न्यूनतम होने की उम्मीद है।
कोई विस्थापन नहीं होगा
अधिकारियों ने कहा कि परियोजना क्षेत्र किसी भी राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य या पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र में नहीं आता है, और इसके परिणामस्वरूप लोगों का कोई विस्थापन नहीं होगा। उत्तराखंड की बिजली की मांग को पूरा करने और राज्य के ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में इस परियोजना की अहम भूमिका होने की उम्मीद है। इस परियोजना से स्थानीय रोजगार (स्थायी और अस्थायी दोनों) को बढ़ावा मिलने और बुनियादी ढांचे के विकास को समर्थन मिलने की भी उम्मीद है, जिससे क्षेत्र से पलायन को रोकने में मदद मिलेगी।