चित्तौड़गढ़। राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में स्थित सुप्रसिद्ध श्री सांवलियाजी मंदिर एक बार फिर श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति की मिसाल बना है। भगवान श्री सांवलिया सेठ के भंडार से इस बार जो आंकड़ा सामने आया है, उसने सभी को चौंका दिया है। छह चरणों में चली गणना के बाद मंदिर भंडार से कुल *₹22 करोड़ 22 लाख 76 हजार 77 रुपये नकद, 410 ग्राम सोना और 80 किलो 500 ग्राम चांदी प्राप्त हुई है।
यह चढ़ावा चतुर्दशी के दिन ठाकुरजी की राजभोग आरती के बाद खोले गए दान पात्रों की गणना के दौरान निकला। मंदिर प्रशासन के अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध ढंग से पारदर्शिता के साथ सम्पन्न की गई।
छह चरणों में खुला भंडार, हर चरण में निकली करोड़ों की राशि
पहला चरण: ₹7 करोड़ 15 लाख
दूसरा चरण: ₹3 करोड़ 35 लाख
तीसरा चरण: ₹7 करोड़ 63 लाख 25 हजार
चौथा चरण: ₹3 करोड़
पांचवां चरण ₹88 लाख 65 हजार 200
छठा चरण: ₹20 लाख 85 हजार 877
श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए इस चढ़ावे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सांवलियाजी न केवल आस्था का केंद्र हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी मंदिर को एक समृद्ध संस्थान बनाए हुए हैं।
भक्ति और विश्वास का प्रतीक
सांवलियाजी मंदिर देशभर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। मान्यता है कि यहां मांगी गई हर सच्ची मुराद पूरी होती है। यही वजह है कि दूर-दूर से लोग यहां न केवल दर्शन करने आते हैं, बल्कि खुले दिल से दान भी करते हैं।मंदिर प्रशासन का कहना है कि प्राप्त चढ़ावे का उपयोग मंदिर विकास, समाज सेवा और जरूरतमंदों की सहायता के लिए किया जाएगा। इस भंडार खुलने की खबर के बाद क्षेत्र में एक बार फिर श्रद्धा और उत्साह का माहौल बन गया है।