नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत किया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा रेपो रेट अब भी महामारी-पूर्व के स्तर से नीचे है। शहरी मांग सुधर रही है। ग्रामीण मांग में भी धीरे-धीरे सुधार आ रहा है।
बता दें नीतिगत दरों के बारे में फैसला करने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक सोमवार को शुरू हुई थी। माना जा रहा था कि केंद्रीय बैंक बढ़ती मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए कुछ सख्त नीतिगत कदम उठा सकता है और ऐसा ही हुआ।
महंगाई दर 6 प्रतिशत से ऊपर बने रहने की आशंका
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने समिति की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि हम मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए कदम उठा रहे हैं, महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में 6 प्रतिशत से ऊपर बने रहने की आशंका है।
यूक्रेन में युद्ध से दुनिया भर में मुद्रास्फीति बढ़ी है। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, रिजर्व बैंक वृद्धि को समर्थन करता रहेगा।
मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले ही वसूली
आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ा दिया है यानी रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को लोन देता है, उसका रेट बढ़ाया है। बैंक को ज़्यादा ब्याज देना होगा तो वो आप से भी लोन पर ज़्यादा ब्याज वसूलेंगे। मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले ही वसूली भी शुरू हो गई है।
प्राइवेट सेक्टर के HDFC बैंक ने मंगलवार को लोन दरों में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि की है। बैंक द्वारा दो माह में यह ब्याज दरों में दूसरी बढ़ोतरी है। इसी तरह अब धीरे-धीरे ऑटो लोन, पर्सनल लोन महंगे होंगे।