मुंबई। ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ फिल्म की रिलीज़ पर फिलहाल रोक बनी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हुई सुनवाई में फिल्म निर्माताओं को कोई राहत नहीं दी और निर्देश दिया कि वे केंद्र सरकार की समिति के निर्णय का इंतजार करें। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह इस समय हस्तक्षेप नहीं करेगा।
इस फिल्म की रिलीज़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही थी। तीन घंटे से अधिक चली बहस के बाद अदालत ने मामला 21 जुलाई तक टाल दिया है। कोर्ट ने कहा कि फिल्म से जुड़ी आपत्तियों पर केंद्र सरकार की समिति पहले विचार करे और सभी पक्षों की बात सुने — जिसमें कन्हैया लाल हत्या के आरोपियों की राय भी शामिल हो।
यह फिल्म 2022 में राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या की घटना पर आधारित है, जिसने देशभर में गुस्से की लहर पैदा कर दी थी। फिल्म के निर्माता अमित जॉनी ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए रोक के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। वहीं, हत्या के एक आरोपी मोहम्मद जावेद की ओर से याचिका दायर कर कहा गया है कि फिल्म की रिलीज़ से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने स्पष्ट किया कि फिलहाल कोई अंतिम आदेश नहीं दिया जाएगा। केंद्र द्वारा गठित समिति 17 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे इस पर विचार करेगी। कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं को सलाह दी कि वे पहले समिति के समक्ष अपनी बात रखें।
फिल्म निर्माताओं ने दलील दी कि उनके पास सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट है, और इसलिए अदालत को फिल्म की रिलीज़ में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म का नाम पहले कुछ और था, जिसे बाद में बदलकर ‘उदयपुर फाइल्स’ रखा गया। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि यह फिल्म एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का उदाहरण है और इसे रोका जाना चाहिए।