मुंबई। एकनाथ शिंदे की बगावत के चलते महाराष्ट्र सत्ता से बेदखल हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को सियासी परीक्षा में भी मुंह की खानी पड़ी है। राज्य की 608 ग्राम पंचायतों के लिए हुए चुनाव में शिवसेना को महज 20 सीटों पर ही जीत हासिल हुई है, जबकि एकनाथ शिंदे गुट को 28 सीटों पर।
इस तरह एकनाथ शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे की लीडरशिप वाली शिवसेना को जमीन दिखा दी है। इस चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी विजेता बनकर उभरी है, जिसने 125 सीटों पर जीत हासिल की है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का दावा 259 ग्राम पंचायतों में जीतने का है जबकि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट ने मिलकर 300 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की है।
शरद पवार की पार्टी एनसीपी को भी बड़ी जीत हासिल हुई और उसके खाते में 188 सीटें आई हैं। कांग्रेस को 53 सीटें मिली हैं। वहीं शिंदे कैंप के खाते में 40 सीटें जीतने का दावा किया है। बता दें कि ग्राम पंचायतों के चुनाव पार्टी के सिंबल पर नहीं होते हैं, लेकिन राजनीतिक दल अपने समर्थित उम्मीदवारों को उतारते हैं ताकि ग्रामीण इलाकों तक में अपना प्रभाव बना सकें।
उद्धव को और टेंशन
शिवसेना के लिए महज 20 सीटें ही जीत पाना चिंता की वजह है। सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर उद्धव ठाकरे अब कैसे पार्टी को संभाल पाएंगे, जो लगातार झटके झेल रही है और अब चुनावी जंग में भी उसे निराशा हाथ लगी है।
चुनाव नतीजों पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘भाजपा और हमारे गठबंधन के लिए यह शुरुआत करने जैसा है। हम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इन नतीजों ने हमारे गठबंधन पर मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि नतीजों ने बताया है कि लोगों को हमारा गठबंधन पूरी तरह से स्वीकार्य है। इन नतीजों को लेकर शिवसेना की ओर से अब तक कोई रिएक्शन नहीं आया है।
बता दें कि शिवसेना पर भी एकनाथ शिंदे गुट ने दावा किया है। फिलहाल पार्टी पर दावे का मामला सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के समक्ष लंबित है।