नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में सियासी घमासान जारी है। बुधवार को चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मीडिया से बात करते हुए चिराग ने चाचा पशुपति पारस के साथ जारी विवाद के बारे में बात की।
चिराग पासवान ने कहा कि मैं चाहता था कि परिवार की बात बंद कमरे में निपट जाए, लेकिन अब ये लड़ाई लंबी चलेगी और कानूनी तरीके से लड़ी जाएगी। चिराग पासवान ने कहा कि पिछले कुछ वक्त से मेरी तबीयत खराब थी, इसलिए मैं पिछले कुछ दिनों से बाहर नहीं आ पाया। सिर्फ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से सबकुछ नहीं निपटेगा, ये लड़ाई लंबी है।
चिराग ने कहा, ‘तब मेरे पिता ने पार्टी के नेताओं से यह बात कही थी। उन लोगों में मेरे चाचा पशुपति नाथ पारस भी शामिल थे। कुछ लोग संघर्ष के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन हमें उससे गुजरना होगा।’ इसके साथ ही चिराग पासवान ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद और संसदीय दल के नेता की जिम्मेदारी से हटाए जाने का भी विरोध किया।
चिराग पासवान ने कहा, ‘सदन के नेता का चुनाव ससंदीय समिति का फैसला होता है। मौजूदा सांसद इस बारे में फैसला नहीं ले सकते। ऐसी खबरें हैं कि मुझे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। लेकिन पार्टी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष तभी हट सकता है, जब उसकी मौत हो गई हो या फिर उसने खुद इस्तीफा दे दिया हो।’