नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ऑफिस को नोटिस जारी किया है और मेयर चुनाव पर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस आम आदमी पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें पार्टी ने LG के उस फैसले पर सवाल उठाए हैं, जिसके तहत उन्होंने नामित सदस्यों को मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में वोट देने का अधिकार दिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर का चुनाव 06 फरवरी को तीसरी बार भी नहीं हो सका था ,सदन शुरू होते ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। इसी को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया था।
हंगामे के चलते पहले तो पीठासीन अधिकारी ने 10 मिनट के लिए सदन स्थगित किया, बाद उन्होंने सदन अनिश्चितकाल के लिए ही स्थगित कर दिया। इस तरह एक बार फिर दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव नहीं हो सका था।
सदन की बैठक शुरू होने से पहले ही आप और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि आज उसने अपने पार्षदों से सदन में हंगामे के लिए कहा है ताकि पीठासीन अधिकारी सदन स्थगित कर दें। दूसरी ओर भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी पर उनके पार्षद खरीदने का आरोप लगाया था।
सदन स्थगित होने के बाद दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर इसका आरोप लगा रही थीं। वहीं आम आदमी पार्टी ने मेयर के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी।