श्रीनगर। कश्मीर घाटी में लगातार हो रही टारगेट किलिंग्स ने यहाँ के कश्मीरी पंडितों, प्रवासी हिंदुओं और सरकारी नौकरी करने वाले मुस्लिमों में खौफ पैदा कर दिया है।
कुलगाम में आज गुरुवार को एक बैंक की शाखा में घुसकर आतंकियों ने मैनेजर विजय कुमार की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार से बड़ी संख्या में पलायन करने का फैसला लिया है।
बता दें बीते तीन दिनों में किसी हिंदू की यह दूसरी हत्या थी। इससे पहले मंगलवार को स्कूल टीचर रजनी बाला का मर्डर आतंकियों ने कर दिया था। पिछले दिनों राहुल भट की हत्या भी आतंकियों ने तहसील परिसर में ही घुसकर की थी।
इन सब घटनाओं के चलते कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार से बड़ी संख्या में पलायन करने का फैसला लिया है। बैंक मैनेजर की जघन्य हत्या के बाद यह फैसला लिया गया है।
घाटी में प्रदर्शन कर रहे सरकारी कर्मचारियों के कॉर्डिनेटर अमित रैना ने कहा कि ट्रांजिट कैंपों में रह रहे सरकारी कर्मचारियों ने आंदोलन को वापस ले लिया है। अब हम सभी लोगों ने जम्मू जाने का फैसला लिया है।
रैना ने में कहा, घाटी में हर स्थान पर आंदोलन को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है। हर दिन अल्पसंख्यकों की जानें ली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब घाटी में रह रहे अल्पसंख्यकों के पास यहां से निकलने के अलावा कोई भी विकल्प नहीं बचा है।
रैना ने कहा कि शुक्रवार को सभी आंदोलनकारियों से नवयुग टनल के पास जुटने को कहा गया है। वहां सभी के एकत्र होने के बाद भविष्य को लेकर फैसला लिया जाएगा।
बता दें बीते 5 महीने में यह 17वीं टारगेट किलिंग थी। कश्मीरी पंडितों, प्रवासी हिंदुओं और सरकारी नौकरी करने वाले मुस्लिमों की लगातार टारगेट किलिंग्स हो रही हैं।
ट्रक तैयार हैं, कभी भी निकलना पड़ सकता है
बारामूला में हिंदू कश्मीरी पंडित कॉलोनी में रहने वाले अवतार कृष्ण भट ने कहा, ‘हमने ट्रकों को तैयार रखा है क्योंकि कभी भी यहां से निकलना पड़ सकता है। टारगेट किलिंग्स ने हमें झटका दिया है और हम चाहते हैं कि सरकार हमें तत्काल दूसरे स्थान पर बसा दे।’ अब तक 100 से अधिक हिंदू परिवारों ने कश्मीर से पलायन कर लिया है।