लखनऊ। अन्नपूर्णा माता की 18वीं सदी दुर्लभ मूर्ति की आज प्राण-प्रतिष्ठा हुई और इसे फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूजा-अर्चना कर पुनर्स्थापित किया। काशी विश्वनाथ मंदिर में ईशान कोण पर अन्नपूर्णा माता की ये मूर्ति स्थापित की गई। इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर को भी भव्य रूप से सजाया गया।
इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि काशी में आज उत्सव जैसा माहौल है। 108 वर्ष के पश्चात माता अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा पुनः अपने काशी धाम में वापस आकर विराजमान हो रहीं हैं। आज तिथि भी देवोत्थान एकादशी है। आप सभी को देवोत्थान एकादशी की हार्दिक बधाई। भारत की विरासत का संरक्षण कैसे किया जाना चाहिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके सबसे जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने विगत साढ़े सात वर्षों के दौरान अपने आचार व विचार से यह करके दिखाया है।
सीएम योगी ने कहा कि ‘योग’ भारत की सनातन परंपरा का हिस्सा रहा है। हमारे ऋषि-मुनियों ने इस जीव-जगत को देखकर लोकमंगल व आरोग्यता के लिए और इस चराचर जगत के रहस्यों को जानने के लिए जिस पद्धति का विकास किया था अध्यात्म की उस पद्धति को हमने योग का नाम दिया।
भारत की ऋषि परंपरा के इस अनमोल रत्न, प्रसाद को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना और 21 जून की तिथि को विश्व योग दिवस के रूप में मनाने का कार्य करना, पीएम मोदी के कारण ही संभव हो पाया है। प्रयागराज कुम्भ जिस भव्यता के साथ संपन्न हुआ, यह सर्वविदित है। यूनेस्को ने दुनिया की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में ‘कुम्भ’ को मान्यता दी, यह भी प्रधानमंत्री के कारण ही संभव हो पाया।
काशी की पहचान बाबा विश्वनाथ धाम से है। काशी विश्वनाथ मंदिर के पूरे धाम को दिव्य व भव्य स्वरूप देने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। पहले भारत की मूर्तियां तस्करी के माध्यम से दुनिया में पहुंचा दी जाती थीं। इससे भारत की आस्था आहत होती थी। आज ढूंढ़- ढूंढ़कर उन मूर्तियों को भारत वापस लाया जा रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री अपने अमेरिकी दौरे से 156 ऐसी मूर्तियों को लेकर आए हैं।