देहरादून। कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का रविवार की सुबह निधन हो गया। वह 80 साल की थीं। जानकारी के अनुसार दिल्ली में हृदय गति रुकने से उनका देहांत हो गया।
सालों के अपने राजनीतिक करियर में इंदिरा हृदयेश ने उत्तराखंड की राजनीति को कई नए मुकाम दिए और प्रदेश में काफी कुछ विकास के काम किए, खासकर कुमाऊं मंडल में उनको मदद का मसीहा माना जाता रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड विधानसभा की नेता प्रतिपक्ष श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सीएम योगी ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
इंदिरा हरदेश के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो 1974 में उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में पहली बार चुनी गईं जिसके बाद 1986, 1992 और 1998 में इंदिरा ह्रदयेश लगातार चार बार अविभाजित उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गईं। साल 2000 में अंतरिम उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी बनीं और प्रखरता से उत्तराखंड के मुद्दों को सदन में रखा।