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सहजन : हर घर का सुपरफूड-सेहत, स्वाद और औषधीय गुणों का खज़ाना

सहजन की फली का दूसरा नाम ड्रमस्टिक भी है। सहजन को सुपरफुड भी कहा जाता है सहजन या मोरिंगा क्या होता है, सहजन की फली का दूसरा नाम ड्रमस्टिक भी है। सहजन से सेहत भी और साथ में स्वाद भी मिलता है सहजन होता क्या है तो चलिए आज हम बात करते हैं सहजन की, सहजन एक बहुत ही पौष्टिक और औषधीय पौधा होता है जिसकी हरी फलियों, पत्तियों का उपयोग करक सब्जी, सूप और अचार भी बनाया जा सकता है। ज्यादातर दक्षिण भारत (South India) में बारहमासी (12 महीने) सहजन के वृक्ष मिलते हैं दक्षिण भारत, गुजरात, महाराष्ट्र राज्यों में इसकी पत्तियों के लिए भी खेती होती है। इसमें हर तरह के पोषणीय तत्व मौजूद है। प्रोटीन अंडे से भी कई गुना अधिक होता है। कृषि वैज्ञानिक प्रदिप द्विवेदी का अंकित कुमार गोयल के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू…

आपके अनुसार, सहजन या मोरिंगा क्या है और ये कहाँ पाया जाता है?

सहजन या मोरिंगा (Moringa oleifera) एक अत्यंत उपयोगी और औषधीय वृक्ष है जिसे “चमत्कारी वृक्ष” (Miracle Tree) भी कहा जाता है। यह भारत का मूल पौधा है और अब एशिया, अफ्रीका तथा दक्षिण अमेरिका के कई देशों में इसकी खेती की जाती है। भारत में यह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में पाया जाता है। यह सूखा-सहनशील, तेज़ी से बढ़ने वाला और कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाला पौधा है। इसकी पत्तियाँ, फलियाँ (ड्रमस्टिक), बीज, फूल और जड़—all औषधीय और पोषणीय दृष्टि से अत्यंत मूल्यवान हैं।

आपके अनुसार, सहजन का सबसे अच्छा तरीका क्या है इसे उपयोग कैसे करें?

सहजन का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है। सबसे लोकप्रिय तरीका इसकी पत्तियों को सुखाकर पाउडर बनाना है जिसे “मोरिंगा पाउडर” कहा जाता है। इस पाउडर को दूध, पानी, जूस या चाय में मिलाकर सेवन किया जा सकता है। ताजी पत्तियों की सब्जी या सूप भी अत्यंत पौष्टिक होता है। सहजन की फली (ड्रमस्टिक) को उबालकर या सब्जी के रूप में पकाया जा सकता है। इसके बीजों से प्राप्त तेल (Moringa Oil) त्वचा और बालों के लिए उपयोगी होता है। नियमित रूप से 1–2 चम्मच मोरिंगा पाउडर का सेवन शरीर के लिए बहुत लाभकारी है।

सहजन में कौन से औषधीय गुण पाए जाते हैं?

सहजन में लगभग 90 से अधिक पोषक तत्व और 40 से अधिक एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-कैंसर और एंटी-डायबिटिक पौधा है। इसकी पत्तियाँ और बीज शरीर में फ्री रेडिकल्स को खत्म कर कोशिकाओं की रक्षा करते हैं। यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है, हृदय की कार्यक्षमता को सुधारता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। सहजन के सेवन से पाचन क्रिया सुधरती है, त्वचा और बालों की गुणवत्ता बेहतर होती है, और शरीर को संपूर्ण पोषण मिलता है।

सहजन का उपयोग किसे बिल्कुल नहीं करना चाहिए?

सहजन जितना लाभकारी है, कुछ लोगों के लिए सावधानी भी आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं को इसकी जड़ और छाल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे गर्भपात का खतरा होता है। ब्लड प्रेशर की दवा लेने वाले मरीजों को इसका सेवन नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए क्योंकि यह रक्तचाप को कम करता है। जिन लोगों को थायरॉइड या लिवर से संबंधित समस्या है, उन्हें भी डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका उपयोग करना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों को इसकी बहुत अधिक मात्रा का सेवन नहीं करना चाहिए।

सहजन हड्डियों को कैसे मजबूत बनाता है?

सहजन की पत्तियों में कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और विटामिन K की प्रचुर मात्रा होती है जो हड्डियों को मजबूत बनाती है। यह हड्डियों के निर्माण, पुनर्निर्माण और घनत्व को बढ़ाने में सहायक है। इसके सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस, जोड़ों के दर्द और कमजोरी जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। बुजुर्गों के लिए यह एक प्राकृतिक कैल्शियम सप्लीमेंट की तरह कार्य करता है और बच्चों में हड्डियों के विकास के लिए भी उपयोगी है।

क्या डायबिटीज के मरीज सहजन का सेवन कर सकते हैं?

हाँ, डायबिटीज के मरीजों के लिए सहजन का सेवन बहुत लाभदायक है। इसमें आइसोथायोसायनेट और क्लोरोजेनिक एसिड जैसे यौगिक पाए जाते हैं जो रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को नियंत्रित करते हैं और इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाते हैं। सहजन का नियमित सेवन ब्लड शुगर को स्थिर रखता है और मधुमेह से जुड़ी जटिलताओं को कम करता है। सुबह खाली पेट एक चम्मच मोरिंगा पाउडर गुनगुने पानी या दूध के साथ लेना विशेष रूप से लाभकारी होता है।

सहजन का सेवन क्या हर कोई कर सकता है?

सहजन एक सुरक्षित और प्राकृतिक पौधा है जिसे लगभग हर कोई सेवन कर सकता है। यह बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सभी के लिए उपयोगी है। बच्चों में यह हड्डियों और दाँतों के विकास में मदद करता है, युवाओं में यह ऊर्जा और इम्यूनिटी बढ़ाता है, तथा बुजुर्गों में हड्डियों की कमजोरी और जोड़ों के दर्द को कम करता है। हालांकि, किसी भी औषधीय पौधे की तरह इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए—अत्यधिक मात्रा से पाचन संबंधी परेशानी या लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।

सहजन का वैज्ञानिक नाम क्या है?

सहजन का वैज्ञानिक नाम Moringa oleifera Lam. है और यह Moringaceae परिवार से संबंधित पौधा है। यह एक तेजी से बढ़ने वाला, पर्णपाती वृक्ष है जिसकी ऊँचाई सामान्यतः 8 से 10 मीटर तक होती है। इसकी फली लंबी और पतली होती है, जिसे आमतौर पर “ड्रमस्टिक” कहा जाता है।

कृषि वैज्ञानिक के टिप्स आज के युवाओं और बुजुर्गों के लिए

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सहजन भविष्य की पौष्टिक और आर्थिक फसल है। आज के युवाओं को इसकी व्यावसायिक खेती अपनानी चाहिए क्योंकि यह कम पानी में अधिक उपज देती है और इससे मोरिंगा पाउडर, कैप्सूल, चाय तथा तेल जैसे अनेक उत्पाद बनाए जा सकते हैं जिनकी वैश्विक बाजार में भारी मांग है। बुजुर्गों के लिए इसका नियमित सेवन हड्डियों को मजबूत, रक्त शर्करा को नियंत्रित और रोग प्रतिरोधक क्षमता को सशक्त बनाता है। सहजन स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था—तीनों के लिए वरदान है, इसलिए हर घर में कम से कम एक सहजन का पौधा अवश्य लगाना चाहिए।

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