इस्लामाबाद। पाकिस्तान का ईशनिंदा कानून बेहद खतरनाक है जिसके तहत मौत की सजा का भी प्रावधान है लेकिन यह खतरनाक इसलिए है क्योंकि ज्यादातर मामलों में इसका दुरुपयोग किया जाता है। आरोप सिद्ध होने से पहले ही कट्टरपंथियों का हुजूम अदालत के बाहर कानून को अपने हाथ में ले लेता है।
पाकिस्तान से ईशनिंदा की आड़ में हत्याओं की खबरें आती रहती हैं। खुद पाकिस्तान का एक देवबंदी मौलवी इन आरोपों का सामना कर रहा है। एक वीडियो में मौलवी पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून की पोल खोलते हुए नजर आ रहा है।
मुफ्ती तारिक मसूद ने एक वीडियो में कहा कि पाकिस्तान में सबसे आसान काम ईशनिंदा का फतवा जारी करना हो गया है। मौलवी ने बताया, ‘अभी मैं सक्खर गया था, मैंने देखा कि मेरा नाम बड़ा-बड़ा लिखा हुआ है- मुफ्ती तारिक मसूद को पकड़ो, गिरफ्तार करो- मैं पतली गली से निकल लिया। मैंने सोचा अगर किसी ने यहां मुझे देख लिया तो कल हम भी अखबार में आ जाएंगे। ईशनिंदा का फतवा अब बेहद हल्का हो गया है।’
तारिक मसूद ने कहा, ‘ईशनिंदा के केस में बहुत सारे बेगुनाह लोग जेल में बंद हैं। कुछ तो जेल में पागल हो गए हैं। किसी से दुकान खाली करवानी हो, वह खाली न कर रहा हो तो ईशनिंदा का मुकदमा करवा दिया।
न चाहते हुए भी उससे जुर्म करवा लिया, वीडियो बना लिया और जज को दिखा दिया। जज भी मजबूर हैं, जज को डर है कि अगर मैंने मुजरिम को बरी किया मुझे गोली मार देंगे। वकील को डर है कि अगर मैंने बरी किया तो आवाम मुझे उड़ा देगी।’
मौलवी ने बताया, ‘वकील भी डर से गलत केस कर रहे हैं, अपनी जान बचा रहे हैं, कह रहे हैं कि अपनी जान बचाओ। मैंने बड़े-बड़े उलेमाओं से सुना है कि पाकिस्तान को पाकिस्तानियों से खतरा है और इस्लाम को कट्टरपंथी मुसलमानों और मजहबी लोगों से खतरा है। लिबरल लोगों से भी हमें इतना खतरा नहीं है जितना मजहबी लोगों से है।