मास्को। सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति रहे मिखाइल गोर्बाचेव के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल नहीं होंगे। कहा जा रहा है कि व्लादिमीर पुतिन ने इसलिए उनकी अंत्येष्टि में नहीं जाने का फैसला लिया क्योंकि गोर्बाचेव को वह सोवियत संघ के विघटन को न रोक पाने का जिम्मेदार मानते हैं।
कल शनिवार को गोर्बाचेव का मॉस्को के उसी हॉल ऑफ कॉलम्स में अंतिम संस्कार होना है जिसमें सोवियत संघ के लेनिन, स्टालिन और लियोनिड ब्रेजनेव जैसे कई दिग्गज नेताओं का अंतिम संस्कार हो चुका है।
इन सभी नेताओं को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई थी, लेकिन मिखाइल गोर्बाचेव के साथ ऐसा नहीं होगा। उन्हें मिलिट्री गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा, लेकिन राजकीय सम्मान नहीं मिल पाएगा।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्रि पेसकोव ने कहा दुर्भाग्य की बात है कि राष्ट्रपति का वर्क शेड्यूल उन्हें 3 सितंबर को गोर्बाचेव के अंतिम संस्कार में जाने की इजाजत नहीं देता। सरकार की ओर से गोर्बाचेव के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जाएगी।
व्लादिमीर पुतिन लंबे समय से यह मानते रहे हैं कि सोवियत संघ का विघटन एक गलत घटना थी, जिसे खत्म किया जाना चाहिए। इसी साल फरवरी में रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया था, तब भी कहा गया था कि पुतिन की यह यूक्रेन को मिलाकर अखंड रूस बनाने की कोशिश है।
गोर्बाचेव के विचारों से व्लादिमीर पुतिन की कितनी असहमति रही है, इसे एक तथ्य से भी समझा जा सकता है कि उनकी मौत के 15 घंटों के बाद उन्होंने शोक संदेश जारी किया था। गौरतलब है कि रूसी सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति रहे मिखाइल गोर्बाचेव का 30 अगस्त मंगलवार को 91 साल की उम्र में निधन हो गया था। राष्ट्रपति बनने से पहले वह सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव भी थे।